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कोटा में पहली बार आयोजित हुआ आईटी प्रतिभाओं का महाकुंभ – डिजि फेस्ट

कोटा में गुरुवार को श्रीनाथपुरम स्थित ऑडिटोरियम  दो दिवसीय राजस्थान डिजि फेस्ट-2017 शुरू हुआ।

कोटाAug 17, 2017 / 09:48 pm

​Zuber Khan

Digi Fest in Kota

कोटा में गुरुवार को श्रीनाथपुरम स्थित ऑडिटोरियम दो दिवसीय राजस्थान डिजि फेस्ट-2017 शुरू हुआ।

कोटा. स्टार्टअप एवं आईटी के क्षेत्र में नवीन संभावनाओं को आगे बढ़ाते हुए देश व प्रदेश की प्रतिभाओं के लिए गुरुवार को श्रीनाथपुरम स्थित ऑडिटोरियम में दो दिवसीय राजस्थान डिजि फेस्ट-2017 शुरू हुआ। इसमें देशभर के विभिन्न राज्यों से करीब 840 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए। इनमें स्टार्टअप और इंजीनियरिंग स्टूडेंट शामिल हैं।

href="https://www.patrika.com/topic/kota/" target="_blank" rel="noopener">कोटा में पहली बार हो रहे आईटी प्रतिभाओं के इस महाकुंभ में देश के विभिन्न प्रान्तों से सूचना प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी एवं अन्य तकनीकी विषयों के विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। साथ ही, विभिन्न विषय विशेषज्ञ तथा स्टार्टअप से जुड़ी हस्तियां भी इसमें नव प्रतिभाओं को प्रोत्साहन दे रही हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग राजस्थान की ओर से इसका आयोजन किया जा रहा है। सुबह 11 बजे हैकथॉन कोडिंग प्रतियोगिता शुरू हुई, जो शुक्रवार 11 बजे तक तक चलेगी। इसमें सॉफ्टवेयर डवलपर व कोडर हिस्सा ले रहे हैं। चौबीस घंटे लगातार चलने वाली इस प्रतियोगिता में पूरे देश से स्टूडेंट्स, कोडर्स व हैकर्स अपनी टीम के साथ जुटे हुए हैं।
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क्या है हैकथॉन

हैकथॉन में देशभर के विभिन्न इंजीनियरिंग व तकनीकी संस्थानों के विद्यार्थी ऑनलाइन व ऑनस्पॉट रजिस्ट्रेशन के जरिए शामिल हुए हैं। ये प्रतिभागी भामाशाह योजना, ई-मित्र, इंटरनेट ऑफ थिंग ब्लॉग चेन एवं आर्टिफि शियल इंटेलिजेंस जैसे विषयों पर एप्लीकेशन तैयार कर रहे हैं।
नवाचार व उपयोगी सुझाव उन्हें 24 घंटे की अवधि में प्रस्तुत करना होगा। हैकथॉन में शामिल विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत एप्लीकेशन की संकल्पना, उपयोगिता, डिजाइन एवं क्रियान्वयन संभावाना के आधार पर शीर्ष टीमों को चुना जाएगा एवं विशेषज्ञों द्वारा उनका साक्षात्कार लेने के पश्चात विजेताओं का चयन कर उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।

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नवाचारों से नया आकाश
आईआईटी रुड़की से आए छात्र निर्मल की टीम राजस्थान में संचालित भामाशाह योजना को महिलाओं, खासकर ग्रामीण महिलाओं के लिए बहुउद्देशीय बनाने की दिशा में काम करना चाहती है। वह ऐसा मोबाइल एप बनाएंगे, जिससे महिलाएं भामाशाह कार्ड को डेबिट कार्ड की तरह काम ले सकेंगी।
नई दिल्ली से आए हर्ष निगम स्मार्ट पार्किंग के लिए एप बनाना चाहते हैं, जो सुरक्षा की दृष्टि से मददगार होगा। यह सुविधाजनक एप समय की भी बचत करेगा।
चैन्नई की रूपा आर्टिफि शियल इंडल्जेंस पर काम करते हुए ऐसा एप बनाना चाहती हैं, जो वॉइस बेस्ड होगा और पूछी गई सूचनाएं त्वरित प्रदान करेगा।
चैन्नई की ही डॉ. मीनाक्षी अपने विद्यार्थियों की टीम के साथ यहां आई हैं। यह टीम स्मार्ट डस्टबिन पर काम कर रही है।

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महिला सहायता ट्रेकिंग
पारुल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बड़ौदा से हैकथॉन में भाग ले रही शिखा रथ ने बताया कि उनकी टीम भामाशाह पोर्टल को महिला ट्रेकिंग सिस्टम एप्लीकेशन के माध्यम से लिंक करना चाहती है। इसके माध्यम से महिलाएं यात्रा करते समय अपनी लोकेशन जीपीएस द्वारा ऑनलाइन ट्रेकर स्टेटस द्वारा पोर्टल पर दर्ज कर सकेंगी। इसे सीएम हैल्पलाइन से भी लिंक किया जा सकता है।

डिजिटल राजस्थान की जीवंत झांकी

राजस्थान डिजिफेस्ट का एक खास आकर्षण यहां लगाई गई डिजिटल प्रदर्शनी है। इसमें राजस्थान में संचालित विभिन्न योजनाओं के डिजिटल प्लेटफॉर्म, विभागीय पोर्टल, मोबाइल एप्लीकेशन इत्यादि को प्रदर्शित किया गया है। आमजन इनके संचालन, क्रियान्वयन व उपयोग की जानकारी से लाभान्वित हो रहे हैं।
प्रदर्शनी में ड्राइविंग सिमुलेटर के जरिए वर्चुअल ड्राइविंग प्रशिक्षण, ऑगमेंटेड रियलिटी विद मोशन सेंसिंग, वर्चुअल रियलिटी टूर, ऑनलाइन एमिशन एफ्लुएंट मॉनिटरिंग सिस्टम और ड्रोन सिस्टम में भी युवा रुचि ले रहे हैं। इसके साथ ही ज्ञान संकल्प पोर्टल, स्मार्ट कोटा, मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान आदि की जानकारी भी यहां डिजिटल रूप से प्रदर्शित की गई है।

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