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297 साल बाद बृहस्पति शनि और केतु एक साथ रहेंगे,तीन माह में देश हित के पुराने धार्मिक मामले सुलझेंगे, पड़ोसी के साथ हालात बिगड़ सकते है

Astrology 297 साल बाद ब्रहस्पति शनि और केतु एक साथ रहेंगे,तीन माह में देश हित के पुराने धार्मिक मामले सुलझेंगे, पड़ोसी के साथ हालात बिगड़ सकते है

कोटाOct 18, 2019 / 07:21 pm

Suraksha Rajora

297 साल बाद बृहस्पति शनि और केतु एक साथ रहेंगे,तीन माह में देश हित के पुराने धार्मिक मामले सुलझेंगे, पड़ोसी के साथ हालात बिगड़ सकते है

297 साल बाद बृहस्पति शनि और केतु एक साथ रहेंगे,तीन माह में देश हित के पुराने धार्मिक मामले सुलझेंगे, पड़ोसी के साथ हालात बिगड़ सकते है

सुरक्षा राजोरा

कोटा. ब्रह्मांड में देव गुरु बृहस्पति एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है, जो राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भारी प्रभाव रखता है। देव गुरु बृहस्पति अब 4 नवम्बर 2019 को शाम 7.18 बजे अपनी मूल त्रिकोण राशि धनु में प्रवेश करेंगे।
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बृहस्पति के धनु राशि में प्रवेश के समय एक अन्य महत्वपूर्ण ग्रह शनि भी धनु राशि में संचार कर रहे होंगे। यह स्थिति 24 जनवरी 2020 तक उस समय तक बनी रहेगी, जब तक शनि अपनी स्व राशि मकर में प्रवेश नहीं कर जाते हैं। इस तरह लगभग 3 महीने तक बृहस्पति तथा शनि केतु की युति धनु राशि में रहेगी।
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ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया की दिसम्बर 1722 में गुरु,शनि केतु की युति लगभग 297वर्षों के बाद होने जा रही है, इसलिए ज्योतिष शास्त्र में इस घटना को महत्वपूर्ण नजरों से देखा जा रहा है।
ये रहेगा असर

ज्योतिषाचार्य अमित जैन ने बताया कि गुरु के काल खंड में वक्रीय तथा मार्गीय गति के समय व्यापार-व्यवसाय ,सोने ,ताँबे ,पीली वस्तु , सरसों व सोयाबीन में तेजी मंदी का वातावरण रहेगा। देश हित मे कही प्रमुख निर्णय होंगे ,पुराने धार्मिक विवाद सुलझेगे। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भारी सिद्ध हो सकती है।
भारत के पड़ोसी देशों के साथ युद्ध जैसे हालात फिर से बनते हुए दिखाई देंगे। मंगल जोकि भूमि पुत्र हैं, इसलिए इस संचार के कारण रियल एस्टेट का कारोबार उछल सकता है। केन्द्र में सत्ताधारी पार्टी की कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण फेरबदल देखने को मिलेंगे तथा सहयोगी दलों के साथ वैचारिक मतभेद चरम सीमा पर पहुंच जाएंगे।

देव गुरु का स्वराशि धनु मे प्रवेश

देवताओं के गुरु बृहस्पति 4नवम्बर को शाम 7:18 बजे वृश्चिक राशि को छोड़कर अपनी स्वराशि में प्रवेश करेंगे । ऐसे में यह माना जा रहा है कि देवगुरु का यह राशि परिवर्तन कई जातकों के लिए उन्नति के द्वार खोलेगा।वहीं 30 अप्रैल को गुरु मकर राशि मे प्रवेश करेंगे और 13 मई को मकर में वक्री गति से 30 जुलाई को मकर से पुनः अपनी धनु राशि मे गुरु वक्री हो जाएंगे जो6 सितम्बर को सीधी चाल। चलेंगे ओर 20 नवम्बर तक धनु राशि मे रहेंगे।
राशियों पर यह रहेगा प्रभाव

मेष सर्वत्र भाग्य उदय होगा।

वृषभ रोग पीड़ा धन खर्च बढेगा।

मिथुन नौकरी व्यापार में लाभ होगा।

कर्क अचानक धन लाभ,प्रमोशन।

सिंह नई जिम्मेदारी मिलेगी।
कन्या मन धर्म की ओर अग्रसर होगा।

तुला प्रतिष्ठा व आजीविका में वृद्धि होगी।

वृश्चिक धन लाभ,मकान बनेगा।

धनु रुके काम बनेंगे।

मकर परिवार में मागलिक कार्य होगा।

कुंभ भौतिक संसाधनों में वृद्धि होगी।
मीन आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।

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