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हमारी पहुंच चंद्रमा और अंतरिक्ष तक, फिर भी हमारा किसान भूखा: नोटबंदी चाणक्य बोकिल

कोटा. नोटबंदी के चाणक्य अनिल बोकिल ने व्यापारी-उद्यमियों से किया संवाद।

कोटाDec 26, 2017 / 10:06 pm

abhishek jain

कोटा प्रवास पर आए ‘नोटबंदी के चाणक्य’ अनिल बोकिल ने मंगलवार को पुरुषार्थ भवन में शहर के व्यापारी-उद्यमियों से नोटबंदी व जीएसटी की आवश्यकता, लागू होने के बाद आए सकारात्मक-नकारात्मक परिणाम, देश के विकास में किए जाने वाले सुधारात्मक प्रयासों के बारे में खुलकर बातचीत की।
उन्होंने पावर प्रेजेंटेंशन के जरिए व्यापारी-उद्यमियों को नोटबंदी लागू करने के बारे में विस्तार से बताया। उद्यमियों की विभिन्न शंकाओं, प्रश्नों का संतोषजनक जवाब दिया। द एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंदराम मित्तल ने सवाल किया कि नोटबंदी के बाद आंतकवाद व जाली नोटों पर लगाम तो लगी, लेकिन भ्रष्टाचार कम नहीं हुआ। ब्लैकमनी भी अपेक्षा के अनुरूप सामने नहीं आई। इस पर बोकिल ने जवाब दिया कि अभी तो नोटबंदी हुए एक साल ही हुआ है। पहले साल कुछ परेशानी जरूरी आई, लेकिन इसके भविष्य में सुखद परिणाम आएंगे।
करीब ढाई घंटे तक चले संवाद कार्यक्रम के बाद व्यापारी-उद्यमी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से लागू की गई नोटबंदी व जीएसटी से कई हद तक संतुष्ठ नजर आए। अंत में बोकिल का एसोसिएशन अध्यक्ष प्रेम भाटिया, सचिव राजकुमार जैन ने प्रतीक चिह्न देकर सम्मान किया।
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‘हम टेक्निकल पावरफुल, बट इकोनॉमिकल पूअर है’
संवाद के दौरान बोकिल ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है। दुनिया में भारत कहीं से भी कमजोर नहीं है। भारत टेक्निकल पावरफुल है। हमारे बच्चे अंतरिक्ष, चंद्रमा पर पहुंच गए, लेकिन हम अन्य देशों की तुलना में इकोनॉमिकल पूअर हैं। आज भी हमारा किसान-मजदूर भूखा रहता है। हम उसकी भूख नहीं मिटा पा रहे। हमारा नौतिक दायित्व है कि हम भूखे नहीं रहें और विश्व के अन्य देशों में रहने वाले लोगों की भी मदद करें। यह सब अर्थक्रांति से संभव हो सकेगा।
 

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हर हाथ को काम देने का प्रोजेक्ट

बोकिल ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी को देश के हर हाथ को काम देने का प्रोजेक्ट डिटेल सहित भेज रखा है। अगर उसको अमलीजामा पहना दिया जाए तो देश में एक भी युवा बेरोजगार नहीं रहेगा। प्राइवेट, पब्लिक सेक्टर का प्रत्येक सर्विसमैन अपने परिवार को समय दे सकेगा। बूढ़े माता-पिता की सेवा कर सकेगा।

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