कोटा

ढाई महीने से जिस बंदर ने एक हाथ के दम पर मचा रखा था आतंक, उसे पकड़ने के लिए मथुरा से बुलाने पड़े लोग

कोटा. खेड़ा रसूलपुर में खतरनाक बंदर ने करीब दो से ढाई माह से गांव में आतंक मचा रखा था। यह करीब 35 से 40 महिलाओं को को अपना शिकार बना चुका था।

कोटाDec 26, 2017 / 09:16 pm

abhishek jain

खेड़ा रसूलपुर में मशक्क्त के बाद खतरनाक बंदर को आखिर पकड़ ही लिया। यह करीब दो से ढाई माह से गांव में आतंक मचा रहा था। यह कई लोगों को अपना शिकार बना चुका था। इस बंदर के एक हाथ में जख्म था। जिससे वह एक हाथ से कुछ कर नहीं सकता था।
ताथेड़ भाजपा मंडल के अध्यक्ष सुरेश गुर्जर ने बताया कि इस बंदर का इतना आतंक था कि करीब 35 से 40 महिलाओं को बंदर ने अपना शिकार बनाया। कुछ महिलाओं को तो अस्पताल में भर्ती भी करना पड़ा था। लोग छतों पर जाने से भी कतराने लगे थे। कई लोगों ने तो छतों पर कपड़े सुखाना भी बंद कर दिया था। जिला परिषद सदस्य रामधनी गुर्जर ने बताया कि इसे पकडऩे के पहले भी प्रयास किए लेकिन यह पकड़ में नहीं आया।
 

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दोबारा मथुरा से बंदर पकड़वाने वालों को बुलाया, उन्होंने इन्हे पकड़ा। बंदर को पकडऩे वाले वसीम, फिरोज व सोयल खान ने बताया कि बंदर को बड़ी मुश्किल से पकड़ा। आठ से 10 मकानों की छतों पर पिंजरे रखे गए, लेकिन यह पकड़ में नहीं आया। मंगलवार को बड़ी मुश्किल से पकड़ में आया। रामधनी ने बताया कि इन कर्मचारियों के अलावा आकाश कुशवाह, दुर्गेश कुशवाह अजय सिंह समेत अन्य लोगों ने बंदर को पकडऩे में मदद की। बंदर को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। कोई पिजंरे से दिखते बंदर को चिढ़ा रहा था तो कोई पिंजरा बजाकर। बंदर को जब पकड़ा गया तब लोगों ने राहत की सांस ली।
लोगों ने बताया कि जिस तरह से यह बंदर लोगों को अपना शिकार बना रहा था उसे देख कर लग रहा था कि इस बंदर को किस तरह से काबू में किया जाए। गांव वाले तो पूरा प्रयास कर चूके थे। जिला कलक्टर व श्रेत्रिय विधायक को भी इस समस्या से अवगत कराया था। उन्होने भी उसे पकड़वाने के काफी प्रयास किए थे।

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