कोटा

महाभारत के अभिमन्यु की तरह है प्रशासन, रोड़ खोदना आता है भरना नहीं… देखिए तस्वीरें

जनाब, यह है खुदी सड़कों वाला कोटा शहर।

Dec 13, 2017 / 07:12 pm

abhishek jain

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श्रीपुरा : गर्ल्स स्कूल के सामने गुजर रहे रोड को जलदाय विभाग द्वारा पाइपलाइन बदलने के लिए खोदा जा रहा है। सुबह से करीब 4-5 मजदूर सड़क खुदाई में लगे हैं। पास ही दुकान पर बैठे व्यक्ति ने बताया कि बुधवार को पूरी नाली खुदने के बाद पाइपलाइन डलेगी। इसे कब भरा जाएगा, काम रहे लोग नहीं बता पाए। इस सड़क पर सुबह छह से रात 10 बजे तक प्रत्येक मिनट में 2 से 5 वाहन गुजरते हैं।

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एमबीएस अस्पताल के सामने: विद्युत कम्पनी ने भूमिगत केबल डालने के लिए काफी पहले नयापुरा से कलक्ट्री तक सड़क किनारे खाई खोदी। केबल डालने के बाद खाई को सिर्फ मलबे से भर दिया। सडक ठीक नहीं की। इस मार्ग पर सुबह 6 से रात दस बजे तक प्रति मिनट 15-20 वाहनों आवाजाही रहती है।

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सीएडी सर्किल पर ट्रेफिक लाइट्स लगाने के लिए रोड की साइडों की खुदाई की गई। एक सप्ताह से चौराहे के दो ओर रोड कटिंग कर रखी है। हाल ही फुटपाथ को भी खोद दिया गया। रोड कटिंग को तो डामर डाल कर ठीक कर दिया गया। लेकिन फुटपाथ के हालात जस के तस हैं।

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छावनी चौराहा यहां चौराहे पर सीसीटीवी कैमरों की केबल बिछाने के लिए 15 दिन पहले रात में सीसी रोड खोदा गया। कम्पनी ने केबल डालकर मलबा वापस खाई में भर दिया लेकिन रोड द़ुरुस्त नहीं किया। इस चौराहे से सुबह 6 से रात 10 बजे तक हर मिनट में करीब 10-12 वाहन गुजरते हैं। छावनी चौराहा पर एलआईसी बिल्डिंग के सामने भी गहरा गड्ढा है। आसपास के दुकानदारों ने बताया कि यहां सीसीटीवी कैमरे के लिए केबल डालने वाले ठेकेदार ने सड़क खोदी थी। इसने भूमिगत विद्युत लाइन का पाइप भी उखाड़ दिया। यहां कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। प्रति दिन 8-10 वाहनों की आवाजाही रहती है।

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नयापुरा खाई रोड: नाली निर्माण के लिए यूआईटी ने एक माह पहले यहां सड़क किनारे खाई खोदी। बाद में जलदाय विभाग ने भी पाइपलाइन डालने के लिए एक अन्य खाई खोद दी। पाइपलाइन डालने के बाद वही मलबा भर दिया गया। क्षेत्र के मनोज सैनी ने बताया कि वाहनों को निकालने में परेशानी आ रही है।

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जेकेलोन अस्पताल मार्ग पर भी रोड़ खुदा हुआ है। जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है। प्रशासन: स्वीकृति देते हैं, फॉलो नहीं करते । शहर में सड़क खोदने की स्वीकृति पहले तो नगर निगम, यूआईटी द्वारा दी जाती थी लेकिन जुलाई से यह अधिकार जिला प्रशासन को दे दिया गया है। जिला प्रशासन भी यूआईटी, नगर निगम की एनओसी के बाद ही स्वीकृति देता है। समय पर काम पूरा कर सड़क ठीक नहीं करने की स्थिति में सम्बंधित एजेंसी पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन शायद किसी को इसकी चिंता ही नहीं।

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कई ठेकेदार अपने निजी स्वार्थ के लिए सही सड़कों पर पेबन्द लगा रहे है। सही सड़कों पर पेबन्द लगाने के मामले लगातार समाचार पत्रों में प्रकाशित होने के बावजूद इन लोगों पर कोई कार्रवाई नही की जाती। इसके चलते इन लोगों के होसले और बुलंद हो रहे है। जहां सड़के खुदी हुई है वहां की जगह सही सड़कों पर पेबंद लगाना और जिम्मेदार अधिकारियों का इन पर कोई कार्रवाई नही करना जनता इस खेल को भली भाती समझ रही है। मंगलवार शाम नयापुरा स्थित जेके पेवेलियन के सामने सही सड़क पर पेबन्द लगाते ठेकेदार के कर्मचारी।

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एक्सपर्ट व्यू: नगर निगम है जिम्मेदार, दर्ज कराए मुकदमा। वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक नंदवाना का कहना है कि शहर की सड़कें नगर निगम, यूआईटी की बनाई हुई हैं। यूआईटी भी सड़कें निगम को सौंपती है। ऐसे में सड़कों के रख-रखाव की पूरी जिम्मेदारी निगम की है। अगर कोई भी एजेंसी बिना अनुमति के सड़क खोदती है या अनुमति लेने के बाद ठीक नहीं करती। पूरी जवाबदेही निगम की बनती है। निगम भारतीय दंड संहिता की धारा 427 के तहत सक्षम न्यायालय में परिवाद पेश कर सकती है। अगर निगम ऐेसा नहीं करती है तो उसमें सम्बंधित एजेंसी के साथ निगम की भी मौन स्वीकृति मानी जाएगी।

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