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सत्यापन अपराध का, मानसिकता का नहीउन्होंने बताया कि पुलिस लोगों के आपराधिक रिकॉर्ड का सत्यापन कर सकती है, लेकिन उनकी मानसिकता का पता नहीं लगा सकती। स्कूल में शिक्षक हो या ऑटो चालक, उसके बारे में पूरी जानकारी संबंधित एजेंसी को ही रखनी होगी। यदि किसी अवांछित गतिविधि में स्कूल का स्टॉफ ही भागीदार होगा और रिपोर्ट नहीं देगा तो कानूनी कार्रवाई करना भी मुश्किल हो जाता है।
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कानून व्यवस्था का रिव्यूडीजीपी सिंह ने बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम में रेंज के पुलिस अधिकारियों की क्राइम मीटिंग ली। इसमें कोटा शहर एसपी अंशुमान भौमिया, ग्रामीण एसपी डॉ. राजीव पचार, बारां एसपी डीडी सिंह, बूंदी एसपी आदर्श सिद्धु व झालावाड़ एसपी आनंद शर्मा, कोटा के एएसपी अनंत कुमार, उमेश ओझा और सभी उप अधीक्षक शामिल हुए।
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उन्होंने कहा कि रेंज में क्राइम की समीक्षा व रिव्यू किया गया। साथ ही, आगामी दिनों में रावण दहन, दशहरा मेला व मोहर्रम को देखते हुए पुलिस जाप्ते की तैनाती और कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ थानों में पेंडेंसी कम करने व समय पर मुकदमों की जांच करने के निर्देश दिए। कोटा से रवाना होने से पहले उन्होंने सीएडी रोड स्थित अभय कमांड एण्ड कंट्रोल सेंटर का भी निरीक्षण भी किया। यह भी पढ़ें
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दुर्घटनाएं रोकने पर जोरसिंह ने बताया कि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में अकाल मौत चिंता का विषय है। पुलिस का फोकस दुर्घटनाओं को रोकना तथा उनमें कमी लाना है।