कश्मीर के बांदीपोर सेक्टर में आतंकी मुठभेड़ में 16 गोलियां लगने के बावजूद 2 दुर्दांत आतंकवादियों को मार गिराने वाले सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता 2 दर्जन से ज्यादा ऑपरेशन और 40 दिन एम्स दिल्ली के ट्रोमा सेंटर में कोमा में रहने के बाद पहली बार अपने घर कोटा वापस आए थे। दोपहर में जयपुर फ्लाइट से वह कोटा एयरपोर्ट पहुंचे। जहां से उन्हें पहले शहीद स्मारक जाना था, लेकिन एयरपोर्ट पर पहले से ही मौजूद एक निजी कोचिंग संस्थान के लोगों ने उन्हें शहीद स्मारक की बजाय अपने संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में ले जाने की जिद पर अड़ गए।
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चेतन चीता के चाचा से की हाथापाई जब कोचिंग संस्थान के लोग सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता को जबरन अपनी कार में बिठाने लगे तो उनके चाचा कुंदन चीता समेत एयरपोर्ट पर मौजूद कई लोगों ने इसका विरोध कर दिया। जिससे नाराज निजी कोचिंग संस्थान के लोग भड़ गए और धक्का-मुक्की करने लगे। बात बिगड़ी तो नौबत हाथापाई तक आ गई और चेतन चीता के चाचा के साथ भी लोगों ने हाथापाई कर डाली। हालांकि बाद में कुछ लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। इसके बाद चेतन चीता पहले कोचिंग संस्थान की ओर से आयोजित स्वागत कार्यक्रम में पहुंचे और वहां उन्होंने बच्चों के तमाम सवालों का जवाब भी दिया।
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कड़ी सुरक्षा में रखा गया है चीता को दिल्ली एम्स से डिस्चार्ज होने के बाद चेतन चीता को दिल्ली के आर्मी एरिया में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है, लेकिन कोटा में उनकी सुरक्षा को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं थे। जिसके चलते इस तरह की घटना घटी। जबकि कीर्ति चक्र से सम्मानित सैन्य अधिकारी के लिए प्रोटोकॉल के मुताबिक विशेष सुरक्षा इंतजाम किए जाने चाहिए थे।
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लोगों ने किया जोरदार स्वागत इससे पहले सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता के कोटा पहुंचने पर लोगों ने जोरदार स्वागत किया। उनके स्वागत के लिए एयरपोर्ट के बाहर भारी भीड़ जमा थी। लोगों ने चीता पर फूलों की बारिश की और भारत माता के नारे लगाए। अपने स्वागत से अभिभूत चीता ने कहा कि वह घर में मिले इस सम्मान को कभी भूल नहीं पाएंगे। इस दौरान सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता ने एक बार फिर बॉर्डर पर जाकर दुश्मनों के हौंसले पस्त करने की हुंकार भी भरी।