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शादी के बाद से ही पति व ससुराल वाले उसे प्रताडि़त कर रहे थे। 13 जून को रेखा के जेठ सुरेन्द्र सिंह का फोन आया कि उनकी पुत्री छत से गिर गई। उसे नए अस्पताल लेकर गए, जहां उसकी मौत हो गई। भैरूसिंह की रिपोर्ट पर पुलिस ने महेन्द्र के खिलाफ पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मुकदमा दर्ज किया था।
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अपर लोक अभियोजक संजय राठौर ने बताया कि एडीजे क्रम 5 अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 19 गवाहों के बयान दर्ज करवाए थे। अदालत ने आरोपित महेन्द्र को दोषी माना। अदालत ने आदेश में लिखा कि जुर्माने की राशि में से 50-50 हजार रुपए मृतका व आरोपित के दोनों बच्चों विवेक व ऋषि को क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाए।
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इधर, अपील खारिज, सजा बहाल
जिला न्यायालय ने आरोपित की अपील खारिज कर अधीनस्थ अदालत द्वारा दी गई ढाई साल की सजा व दो हजार रुपए जुर्माने को बहाल रखा है। छत्रपुरा निवासी सलीम को न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 17 जून 2017 को घर में घुसकर चोरी का प्रयास करने के मामले में ढाई साल की सजा व 2 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया था। सजा के खिलाफ सलीम ने अपील की, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया।
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अदालत ने आरोपित को जेल भेज दिया। सलीम के खिलाफ 24 दिसम्बर 2014 को उसके पड़ोसी राधेश्याम ने विज्ञान नगर थाने में रिपोर्ट दी थी। पुलिस ने सलीम के खिलाफ चोरी की नयत से घर में घुसने का मुकदमा दर्ज किया था।