कोटा

पलायन कर घर आ रहे लोगों की व्यथा, ग्रामीण गांव में रखने को राजी नहीं, बढ़ी मुश्किल

चिकित्सा जांच में स्वस्थ, आइसोलेशन में रहने की हिदायत

कोटाMar 30, 2020 / 05:12 am

Jaggo Singh Dhaker

पलायन कर घर आ रहे लोगों की व्यथा, ग्रामीण गांव में रखने को राजी नहीं, बढ़ी मुश्किल

बारां./कुंजेड. सरकार की ओर से लॉक डाउन घोषित करने के बाद कई मजदूर सैकड़ों किलोमीटर की लम्बी पैदल यात्रा कर रहे हैं। कई लोग परेशानियां झेलते हुए किसी तरह गांव तक पहुंच रहे तो उन्हें अब गांव में भी रहने के लाले पड़ रहे हैं। लोग उन्हें गांवों में ठहरने नहीं दे रहे। इससे ऐसे मजदूरों के सामने संकट और भी विकट हो गया। हाल ही में उदयपुर से करीब 5 दिन की यात्रा कर जिले के नयागांव ननावता थाना मोठपुर पहुंचे एक एक मजदूर परिवार को ग्रामीणों ने गांव में नहीं रहने दिया तो मजदूर युवक उसकी पत्नी को लेकर ससुराल उदपुरिया पहुंच गया, लेकिन यहां भी घर पर ही आइसोलेशन में नहीं रहने के कारण ग्रामीण उसके यहां ठहराव को लेकर आपत्ति जता रहे हैं।
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गांव से भाग कर ससुराल पहुंचे
ग्रामीणों का कहना है कि नयागांव ननावता थाना मोठपुर निवासी युवक उदयपुर में नौकरी करता था। किसी तरह वह उसकी पत्नी के साथ उदयपुर से उसके गांव नयागांव ननावता पहुंच गया, लेकिन ग्रामीणों ने परिवार को कोरोना वायरस के संक्रमण व चिकित्सा जांच नहीं होने के कारण गांव में ठहरने पर विरोध जताया। इसके बाद शनिवार रात दोनों पति-पत्नी किसी तरह झालावाड़ रोड हाइवे पर काला तालाब के समीप उतर गए। बाद में युवक पैदल ही पत्नी के साथ उदपुरिया में उसके ससुराल पहुंच गया। उदपुरिया के ग्रामीणों की ओर से ससुराल पक्ष के लोगों से उसे यहां ठहराने को लेकर आपत्ति जताई जा रही है। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस के साथ पहुंची चिकित्सा टीम ने जांच के बाद आइसोलेशन में रहने के लिए पाबंद किया।

यह पैदल ही जा रहे रतलाम
दूर-दराज क्षेत्र के लोगों का पैदल ही घरों पर लौटने का सिलसिला जारी है। रविवार शाम को भी भीड़ के रूप में लोगों का शहर से पैदल गुजरने का क्रम जारी रहा। यहां रविवार शाम झालावाड़ रोड मेगा हाइवे पर होते हुए एक मजदूर परिवार पैदल ही रतलाम जा रहा था। मजदूरों का कहना था कि मध्यप्रदेश में रतलाम के आगे उनका गांव है। कुंजेड निवासी युवक अमरचन्द गुर्जर ने बताया कि दो महिला समेत करीब आठ जनों का परिवार है। यह लोग पिछले दो दिनों से पैदल चल रहे है।
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सूचना पर मौके पर पहुंचकर मजदूर परिवार की स्क्रीनिंग कर जांच की गई। फिलहाल पति-पत्नी स्वास्थ है, लेकिन उन्हें एहतियात के तौर पर घर पर ही 14 दिनों तक आइसोलेशन में रहने के लिए पाबंद किया है। डॉॅ. अब्दुल मलिक, प्रभारी, स्वास्थ्य केन्द्र, कुंजेड

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