कोटा

पुलिस के साथ खड़े हुए गृह मंत्री कटारिया तो ऐसे भागे कोटा के जनप्रतिनिधि

गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने जब पुलिस की पीठ थपथपाई तो शिकायतों का पिटारा लेकर आए जन प्रतिनिधि बैठक छोड़कर भागते नजर आए।

कोटाOct 13, 2017 / 08:25 am

​Vineet singh

Controversy arises in Crime Review meeting on helmets

अपराधों की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठक में जब कोटा के जनप्रतिनिधियों ने पुलिस पर निशाना साधना शुरू किया तो हेलमेट बीच में आ गया। जनप्रतिनिधि हेलमेट ना पहनने पर पुलिस कार्रवाई का विरोध करने के लिए खड़े हो गए, लेकिन राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने यह कहते हुए इस विरोध की हवा निकाल दी कि हादसे में मरने वाले परिवारों से पूछो उन पर क्या गुजरती है? पुलिस को कटघरे में खड़े करने के कोटा के जनप्रतिनिधियों के एजेंडे की हवा निकलते ही आलम यह हुआ कि कोटा के जनप्रतिनिधि बैठक छोड़कर निकल लिए। इस बर्ताव से नाराज गृहमंत्री ने खुलेआम कह दिया कि अगली बार से इन्हें नहीं बुलाऊंगा।
 

‘व्यक्ति बाइक से गली के कोने तक जाता है तो भी ट्रेफिक पुलिस के जवान चालान बना देते हैं। पुलिस का काम सिर्फ हेलमेट का चालान बनाना ही रह गया है क्या…। चालान के नाम पर जबरन वसूली हो रही, कार्यकर्ताओं को परेशान करती है पुलिस…।’ तीन जिलों की अपराध समीक्षा बैठक में गुरुवार को सड़क सुरक्षा पर चर्चा के दौरान हेलमेट मसले पर कोटा के विधायकों की तरफ से इन जुमलों के साथ आपत्ति आई तो गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया अपने चिर परिचित अंदाज में जनप्रतिनिधियों से मुखातिब हुए। बोले, पुलिस का मकसद हेलमेट का चालान बनाकर रकम इकट्ठा करना नहीं, लोगों की जान बचाना है। हेलमेट नहीं पहनने के कारण हादसे में जिस परिवार के व्यक्ति की मौत होती है, वहां जाकर पूछो उन पर क्या गुजरती है?
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हेलमेट नहीं पहनना है तो कानून बदलवा दें

सूत्रों के अनुसार विधायकों के विरोध पर एसपी भी तल्खी से बोल पड़े। कहा कि, ट्रेफिक पुलिसकर्मी को धूप में 10 घंटे खड़ा रहने का शौक नहीं है। यदि हेलमेट को बंद करना है तो वे कानून बदला दें। बैठक में तल्खी बढ़ने के बाद आखिरकार गृहमंत्री ने दखल किया और विधायकों को हादसे के शिकार मृतकों के परिजनों से मिलकर पीड़ा महसूस करने की हिदायत दे डाली। कटारिया ने सख्ती से कहा, हादसे रोकने के लिए दोपहिया वाहन चालकों को हेलमेट लगाने के लिए प्रेरित करना ही होगा। कोई नहीं लगाता है तो चालान बनाए जाएं।
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बैठक छोड़ी तो गुस्साए गृहमंत्री

अपराध समीक्षा बैठक में कोटा पुलिस के अधिकारियों ने जब आंकड़े गिनाते हुए अपराधों में कमी आने का दावा किया तो विधायक भवानी सिंह राजावत ने मोर्चा खोल दिया। राजावत बोले कि, आंकड़े गिनाने से अपराधों में कमी नहीं आती। रेलवे कॉलोनी में दम्पत्ति की हत्या के आरोपी अभी तक नहीं पकड़े गए। उड़िया बस्ती में किशोरी की हत्या कर दी गई। ऐसा लगता है कि मानो अब पुलिस के पास अपराधियों को पकड़ने के बजाय चालान बनाने का ही काम रह गया है। इसके बाद राजवात बैठक से उठे और बाहर निकल गए। इर पर गृह मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि ऐसे बैठकों से जाएंगे तो अगली बार से उन्हें नहीं बुलाऊंगा। नाराज गृह मंत्री ने यहां तक कह दिया कि जनप्रतिनिधि पुलिस से ना उलझें। यदि उन्हें स्थानीय अधिकारियों से कोई शिकायत है तो बताएं उनकी शिकायतों की जांच जयपुर के अधिकारियों से करा लेंगे।
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हेलमेट से बाल उड़ने पर हो चुकी है फजीहत

गौरतलब है कि विधायक भवानी सिंह राजावत हमेशा हेलमेट अनिवार्यता के विरोध में रहे हैं। पूर्व में भी तत्कालीन एसपी अमनदीप सिंह कपूर के समय पुलिस बैठक में उन्होंने विरोध किया था। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि हेलमेट लगाने से सिर के बाल उड़ जाते हैं। पास से गुजरने वाले वाहन की आवाज सुनाई नहीं देती।

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