कोटा

Abhera Biological Park: रियासतकालीन पिंजड़े से आजादी दिलाएगी ये दीवार

29 सालों से फाइलों में रेंग रहे कोटा के अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क की 400 मीटर चौड़ी और 1500 मीटर लंबी ग्रीन वाल का निर्माण कार्य शुरू हो गया है।

कोटाOct 18, 2017 / 11:14 am

​Vineet singh

Construction of Green Wall in Abhera Biological Park started

कोटा के रियासतकालीन चिड़ियाघर के पिंजरों में बंद वन्यजीवों को जल्द ही आजादी मिलेगी। कोटा के अभेड़ा क्षेत्र में प्रस्तावित बायोलोजिकल पार्क में वन्य जीव जल्द ही खुले में विचरण करते नजर आएंगे। 29 साल की कोशिशों के बाद फरवरी 2017 में सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया (CZAI) ने अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क को अंतिम मंजूरी दी थी। जिसके 8 महीने बाद अब वन विभाग ने बायोलॉजिकल पार्क के पास ग्रीन वाल बनाने का कार्य शुरू कर दिया है।
यह भी पढ़ें

अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में नहीं बनेगी टाइगर सफारी

29 साल बाद जमीन पर उतरा प्रोजेक्ट

29 साल की कोशिशों के बाद 26 फरवरी 2017 को सीजेडएआई ने अभेड़ा में बायोलॉजिकल पार्क के निर्माण को स्वीकृति दी थी, लेकिन स्वीकृति देने के साथ ही सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एक शर्त भी लगा दी थी कि बायोलॉजिकल पार्क की जमीन के एक हिस्से में कोटा का कूड़ा डंप करने के लिए बनाए गए नगर निगम के ट्रेंचिंग ग्राउण्ड को बंद करना होगा। इतना ही नहीं इस ट्रेंचिंग ग्राउण्ड पर 10 हजार से ज्यादा पौधे लगाने होंगे। इसके साथ ही ट्रेंचिंग ग्राउण्ड के कूड़े की बदबू और संक्रमण का शिकार कहीं वन्यजीव ना हो जाएं इसके लिए ट्रेंचिंग ग्राउण्ड और बायोलॉजिकल पार्क के बीच एक ग्रीन वॉल भी विकसित करनी होगी। उपवन संरक्षक सुनील चिद्री ने बताया कि फरवरी में सीजेडएआई की मंजूरी मिलने के बाद ट्रेंचिंग ग्राउण्ड और बायोलॉजिकल पार्क के बीच 400 मीटर चौड़ी व करीब 1.50 किलोमीटर लम्बी दीवार बनाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था। जिसे मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। जल्द ही यहां पौधारोपण भी शुरू कर दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें

सीजेडएआई ने अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क को दी मंजूरी, बनेगा ओपन जू

…ताकि बीमार न हो वन्यजीव

प्रस्तावित बॉयोलोजिकल पार्क के पास नगर निगम का ट्रेंचिंग ग्राउण्ड है। इसकी सड़ांध व गंदगी से वन्यजीवों में बीमारियों की आशंका के चलते सेंट्रल जू अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने योजना को स्वीकृति नहीं दी थी। इन सबके चलते बायोलॉजिकल पार्क बनाने का मामला 29 साल तक अटका रहा। प्रशासनिक व वन विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने पार्क व ट्रेंचिंग ग्राउण्ड के बीच में ग्रीन बाल बनाने का सुझाव दिया तब कहीं जाकर सीजेडएएआई ने पार्क विकसित करने की शर्तिया स्वीकृति दी। ग्रीन वाल बनने से वन्यजीव ट्रेंचिंग ग्राउण्ड की समस्या से सुरक्षित रहेंगे।
Read More: कोटा की बेटी ने RAS एग्जाम टॉप कर दिया दिवाली गिफ्ट, पति की मृत्यु के बाद भी नहीं मानी हार

126 हैक्टेयर में बनेगा बॉयोलोजिकल पार्क

बॉयोलोजिकल पार्क करीब 126 हैक्टेयर में बनाया जाएगा। इसमें वन्यजीवों के लिए मापदण्डों के अनुरूप पिंजरे, स्लॉटर हाउस, वाच टावर, अस्पताल, पाथ वे तथा वन्यजीवों के लिए आवश्यक सभी व्यवस्थाएं की जाएंगी। वर्तमान में नयापुरा का चिडि़याघर केन्द्रीय जू प्राधिकरण के मापदण्डों के अनुरूप खरा नहीं उतरता। प्राधिकण की अस्थाई तौर पर मान्यता से संचालित किया जा रहा है।
Read More: कोटा का हैंगिंग ब्रिज बनेगा कमाऊ पूत, हर साल करोगा 50 से 70 करोड़ की कमाई

10 हजार पौधे लगाए जाएंगे

अभी ग्रीन वाल परिसर की फेंसिंग कार्य शुरू हो गया है। फेंसिंग पूरी होते ही यहां 10 हजार पौधे लगाए जाएंगे। पौधों को सींचने के लिए ट्यूबवेल लगाया जा चुका है। तीन माह के भीतर पौधारोपण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। इस पर 38 से 40 लाख रूपए खर्च होने का अनुमान है।

संबंधित विषय:

Hindi News / Kota / Abhera Biological Park: रियासतकालीन पिंजड़े से आजादी दिलाएगी ये दीवार

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.