कोटा

#sehatsudharosarkar: अस्पतालों की सेहत सुधारने के लिए कांग्रेसियों ने किया प्राचार्य का घेराव

कोटा के सरकारी हॉस्पिटल की बदहाली खत्म करने की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का घेराव किया।

कोटाSep 15, 2017 / 02:16 pm

​Vineet singh

Congress workers protested against poor health services

कोटा में स्वास्थ्य सेवाओं की हालत इस कदर बदत्तर है कि डेंगू और स्वाइन फ्लू के मरीजों की मौत के बाद उनकी जांच रिपोर्ट आ रही है। सरकारी लैबों का तो भगवान ही मालिक है। इन लैब में जांच कराने पर स्वाइन फ्लू और डेंगू की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है। जबकि प्राईवेट लैब में जांच कराने पर मरीजों को पॉजिटिव बताया जा रहा है। जब तक डॉक्टर तय कर पाते हैं कि कौन सी रिपोर्ट मानें तब तक मरीज की मौत हो जाती है। स्वास्थ्य सेवाओं की इस बदहाली से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का घेराव कर 3 दिन में व्यवस्थाएं सुधारने की चेतावनी दी।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एमबीएस चिकित्सालय में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. गिरीश वर्मा का घेराव किया। प्रदेश कांग्रेस सचिव शिवकांत नन्दवाना और कांग्रेस नेता नरेन्द्र नागर ने प्राचार्य को खरी-खोटी सुनाई। कार्यकर्ता सुबह एमबीएस अस्पताल परिसर में एकत्र हुए और नारेबाजी करते प्राचार्य कक्ष तक पहुंचे। प्राचार्य सीट पर नहीं मिले तो कार्यकर्ताओं भड़क गए और हंगामा कर दिया। प्राचार्य के आने पर नन्दवाना ने अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं को तीन दिन में ठीक कराने की मांग की।
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व्यवस्थाएं नहीं सुधरी तो सड़क पर होगा प्रदर्शन

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य से कहा कि कोटा के तीनों प्रमुख हास्पिटलों में वेंटीलेटर, सेंट्रल लेब में सीबीसी जांच की मशीनें खराब पड़ी हैं। ब्लड के नमूने फेंके जा रहे। कई मरीज अकाल मौत के शिकार हो रहे हैं। पलंग नहीं हैं, बैंचों पर मरीजों भर्ती करने पड़ रहे। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि तीन दिन में व्यवस्थाएं नहीं सुधरी तो वे विरोध में सड़क पर उतरेंगे।
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संविदा कर्मियों को हटाया, बिगड़े हालात

सरकार ने बुधवार शाम को आदेश जारी कर कोटा जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों पर कार्यरत नर्स-२ ग्रेड के 124 संविदाकर्मियों को हटाने के निर्देश दे दिए। जिसके बाद सुकेत के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के हालात खराब हो गए। संविदा कर्मियों के हटाने से स्वास्थ्य केंद्र पर मात्र एक ही महिला चिकित्सक अंकिता मीणा मौजूद रह गईं। चिकित्सा प्रभारी बच्चनलाल यादव सुबह केन्द्र पर नहीं पहुंचे थे। जिसके चलते मरीजों की लंबी लाइन लग गई। इसके बाद जब सीएमएचओ आफिस को इसकी खबर लगी तो डॉ. बच्चन लाल हॉस्पिटल पहुंचे।

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