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तय नहीं हो पा रही उदघाटन की तारीख ईस्ट वेस्ट कॉरीडोर को जोड़ने के लिए कोटा में चंबल नदी के ऊपर 213.58 करोड़ रुपए की लागत से 350 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया गया है। इस पुल को साधने के लिए नदी के बीच में कोई पिलर नहीं बनाया गया। नदी के दोनों किनारों पर पिलर खड़े कर तारों (सिंगल स्पाइन) के सहारे इस पुल का निर्माण किया गया है। तय तारीख से छह साल बाद इस पुल का निर्माण पूरा हो सका। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) अधिकारी हैंगिंग ब्रिग के उदघाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर राजस्थान की मुख्यमंत्री तक से समय मांग चुके हैं, लेकिन तारीख तय ना होने के कारण पुल चालू नहीं हो पा रहा। यह भी पढ़ें
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हर साल मारे जाते हैं सवा सौ से ज्यादा लोग हैंगिंग ब्रिज चालू ना होने के कारण भारी वाहन कोटा शहर के बीच से होकर गुजर रहे हैं। जिसके चलते होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में हर साल औसतन 125 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ रही है। पिछले दिनों लगातार कई मौत होने से कोटा के लोग खासे नाराज थे। कांग्रेस कार्यकर्ता भी कई बार प्रदर्शन कर जल्द से जल्द हैंगिंग ब्रिज का चालू कराने की मांग कर चुके थे, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। जबकि हैंगिंग ब्रिज का निर्माण कार्य मई 2017 में ही पूरा हो चुका है। यह भी पढ़ें
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कांग्रेसियों ने कर डाला उदघाटनरविवार को राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शांति धारीवाल के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता अचानक हैंगिंग ब्रिज पहुंच गए और बैरीकेट्स हटाकर पुल का उदघाटन कर दिया। आवागमन रोकने के लिए हैंगिंग ब्रिज के बीच में रखे गए ड्रमों को भी कांग्रेसियों ने पलट कर किनारे कर दिया। पुल चालू करने के साथ ही कांग्रेसियों ने सरकार के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की। पुलिस प्रशासन को जब इसकी खबर लगी तो हड़कंप मच गया। इस दौरान नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष अनिल सुवालका, डॉ. जफर मोहम्मद, पीसीसी सदस्य राजेन्द्र सांखला आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।