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कुपोषित बच्चों का इलाज कराने में आड़े नहीं आएगी छुट्टी, इंसेटिव देगी सरकार सचिन करेंगे पदयात्रा अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस ने सरकार को अभी से घेरने की रणनीति बना ली है। इसके तहत सरकार पर हमले की शुरुआत सरकार के ‘घर’ यानि झालावाड़ से की जाएगी। सरकार को घेरने की कमान खुद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट संभाल रहे हैं। इस अभियान का आगाज वह बारां से करेंगे।कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद जैन भाया ने बताया कि कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट 3 अक्टूबर बारां से पोल-खोल पदयात्रा का आगाज करेंगे। तीन दिन की यह पदयात्रा से 6 अक्टूबर को झालावाड़ में खत्म होगी।
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अनचाही आफतों से लड़ना सीखेंगे राजस्थानी स्कूलों के बच्चे सीएम के चुनावी इलाके पर कांग्रेस की नजर कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद जैन भाया ने बताया कि पायलट की पदयात्रा का आगाज 3 अक्टूबर को बारां से होगा। पदयात्रा शुरू होने के बाद पहले दिन पदयात्रा का पड़ाव बामला गांव में डाला जाएगा। इसके बाद दूसरे दिन खानपुर व तीसरे दिन मंडावर में पड़ाव डाला जाएगा। चोथे दिन पदयात्रा के झालावाड़ पहुंचने पर वहां किसान सम्मेलन का आयोजन होगा। Read More:टोल प्लाजा पर चकरघिन्नी बने शराब कारोबारियों ने की फायरिंग
किसानों पर है पूरा फोकस कांग्रेस चुनावों से पहले किसानों को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटी है। चुनावी घमासान की शुरुआत और पदयात्रा के लिए बारां-झालावाड़ को चुनने के सवाल पर प्रमोद जैन भाया ने कहा कि झालावाड़ मुख्यमंत्री का चुनावी जिला है, लेकिन इस इलाके के किसानों की हालत राजस्थान में सबसे ज्यादा खराब है। बारां-झालावाड़ में किसानों की सबसे ज्यादा मौतें होने के बावजूद सरकार ने उन्हें मदद देना तो दूर सांत्वना देने की जरूरत नहीं समझी है। इसीलिए कांग्रेस इन किसानों को अपने साथ लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेगी। इतना ही नहीं पदयात्रा में किसानों की कर्जमाफी, फसलों के उचित मूल्य, फसलों में नुकसान का मुआवजा समेत किसान समस्याओं को भी मुद्दा बनाया जाएगा।
किसानों पर है पूरा फोकस कांग्रेस चुनावों से पहले किसानों को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटी है। चुनावी घमासान की शुरुआत और पदयात्रा के लिए बारां-झालावाड़ को चुनने के सवाल पर प्रमोद जैन भाया ने कहा कि झालावाड़ मुख्यमंत्री का चुनावी जिला है, लेकिन इस इलाके के किसानों की हालत राजस्थान में सबसे ज्यादा खराब है। बारां-झालावाड़ में किसानों की सबसे ज्यादा मौतें होने के बावजूद सरकार ने उन्हें मदद देना तो दूर सांत्वना देने की जरूरत नहीं समझी है। इसीलिए कांग्रेस इन किसानों को अपने साथ लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेगी। इतना ही नहीं पदयात्रा में किसानों की कर्जमाफी, फसलों के उचित मूल्य, फसलों में नुकसान का मुआवजा समेत किसान समस्याओं को भी मुद्दा बनाया जाएगा।