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बैरवा ने कहा कि एक दशक से अधिक समय से ताकली बांध का कार्य चल रहा है, लेकिन डूब क्षेत्र में आने वाले किसान सरकारी सहायता से वंचित हैं। इन गांवों में एक दशक के अंतराल में कोई नया निर्माण कार्य भी नहीं हुआ। यहां रहने वाले परिवार सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। सारंनखेड़ी गांव के विद्यार्थियों को बीच में पडऩे वाली नदी के तेज पानी के बहाव से होकर शिक्षा ग्रहण करने जाना पड़ता है। सरकार चाहती तो नदी पर पुलिया का निर्माण कराया जा सकता था।
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ग्रामीण मन्नालाल गुर्जर ने कहा कि एक दशक से बनी इस समस्या के कारण नवयुवकों के शादी संबंध नहीं हो रहे। सारनखेड़ी के ग्रामीणों को चन्द्रपुरा में बसाना चाहते हैं, लेकिन चन्द्रपुरा के ग्रामीण यह नहीं चाहते। ऐसे में उनकों दूसरे स्थान पर बसाया जाए। ग्रामीणों ने बताया कि दस साल से बांध का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ। बरसात के दिनों में बरसाती पानी खेतों में घुस जाता है। जिससे किसानों की फसलें गल जाती है। किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है। हालात यह हो जाते हैं कि लागत तक नहीं निकल पाती। वहीं, क्षेत्र का विकास नहीं होने से ग्रामीणों में रोष है।
प्रदेश सचिव ने कहा कि कहा कि विस्थापितों के पुर्नवास मुआवजे की मांग को लेकर कांग्रेस आंदोलन करेगी। किसान संघ सभा को उप प्रधान मोतीलाल अहीर, ब्लॉक अध्यक्ष अब्दुल सलाम, पंचायत समिति सदस्य मंजेश मीणा, पूर्व सरपंच राधेश्याम मीणा, हीरालाल रायका ने संबोधित किया