स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहर में प्रदूषण से नागरिकों को बचाने के लिए प्रशासन सीएनजी सिटी बसें चलाने की तैयारी कर रहा है। दूसरी ओर अभी संचालित सिटी बसों का घाटा बढ़ता ही जा रहा है। इससे बसों के संचालन पर सवाल खड़े होने लगे हैं। पुख्ता निगरानी नहीं होने से स्टेशन रूट की सिटी बसों का संचालन बंद हो गया है।
सिटी बसों में पर्याप्त यात्री भार मिले, इसलिए सभी रूट की बसों को स्टेशन तक ले जाया जाता था। इससे उनमें यात्री भार भी अच्छा मिल रहा था, लेकिन चैंकिग नहीं होने से सिटी बसें विभिन्न क्षेत्रों से नयापुरा की तरफ आ रही हैं उन्हें वापस एरोड्राम या जेडीबी कॉलेज के आसपास से लौटाया जा रहा है। इससे पर्याप्त यात्री भार नहीं मिल रहा। 24 में से सिर्फ 6 बसें ही रेलवे स्टेशन जा रही हैं।
सिटी बसों में पर्याप्त यात्री भार मिले, इसलिए सभी रूट की बसों को स्टेशन तक ले जाया जाता था। इससे उनमें यात्री भार भी अच्छा मिल रहा था, लेकिन चैंकिग नहीं होने से सिटी बसें विभिन्न क्षेत्रों से नयापुरा की तरफ आ रही हैं उन्हें वापस एरोड्राम या जेडीबी कॉलेज के आसपास से लौटाया जा रहा है। इससे पर्याप्त यात्री भार नहीं मिल रहा। 24 में से सिर्फ 6 बसें ही रेलवे स्टेशन जा रही हैं।
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यात्रियों को परेशानी
निगम प्रशासन की ओर से सिटी बसों को रेलवे स्टेशन से पहले ही रोककर लौटाने के निर्देशों से यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। अब तक रेलवे स्टेशन जाने के लिए यात्री किसी भी रूट पर चलने वाली बस में सवार हो जाते थे, लेकिन अब सिर्फ 6 बसें ही हैं, जिनसे वह स्टेशन तक जा सकते हैं।
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सिटी बसों के व्यवस्थित संचालन के लिए मंगलवार को जिला कलक्टर रोहित गुप्ता की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट में बैठक हुई। इसमें महापौर महेश विजय, यूआईटी अध्यक्ष रामकुमार मेहता, आयुक्त नगर निगम डॉ. विक्रम जिंदल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि सिटी बसों के संचालन में हो रहे घाटे को कम करने के लिए टिकटिंग व्यवस्था संवेदक के माध्यम से कराई जाएगी। इसमें प्रति वर्ष का ठेका दिया जाएगा। यात्रियों को टिकट जारी करने की निविदा जारी की जाएगी। इससे प्रतिवर्ष दस लाख रुपये का फायदा होगा। इसी प्रकार 5 नई सीएनजी बसों की खरीद की जाएगी, जो पूरी तरह वातानुकूलित होंगी। इन्हें पर्यटक स्थलों के मार्ग निर्धारित कर संचालित किया जाएगा। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
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बैठक में शहर में आधुनिक एवं आकर्षक बायोटॉयलेट लगाने का निर्णय लिया गया। आमजन को समय पर सेवाएं प्रदान करने के लिए निगम, स्मार्ट सिटी कार्यालय एवं कलक्ट्रेट कार्यालय को ई-ऑफिस के रूप में विकसित किया जाएगा।