केन्द्रीय शहरी मंत्रालय की स्वच्छता रैंकिंग के लिए टीम आने की उलटी गिनती शुरू हो गई है। निगम प्रशासन और पार्षदों को शहर को रैंकिंग में अव्वल लाने के लिए एकजुट होकर स्वच्छता में जुटने की जरूरत थी, लेकिन पार्षद सफाई के टेण्डरों में उझल गए हैं। पार्षदों के एक धड़े के दबाव में महापौर ने कचरा परिवहन का टेण्डर निरस्त कर दिया। जबकि निविदा की शर्तें महापौर की मौजूदगी में ही तय की गई थी। शहर में कांग्रेस बोर्ड के समय कचरा परिवहन का ठेका दिया था, वही चल रहा है। भाजपा बोर्ड नए टेण्डर तक नहीं करा पाया। तीसरी बार यह टेण्डर निरस्त हुए हैं।
निगमायुक्त डॉ. विक्रम जिंदल ने अधिकारियों से चर्चा कर पहली बार तीन जोन में शहर को बांटकर कचरा परिवहन के टेण्डर की शर्तें तैयार की थी। महापौर, उप महापौर, सफाई समिति द्वितीय के अध्यक्ष व तीनों उपायुक्तों की उच्च स्तरीय कमेटी ने जोनवाइज कचरा परिवहन के टेण्डर की शर्तों पर मुहर लगाई थी। इसके बाद निगम की समिति ने शर्तों का परीक्षण कर टेण्डर जारी किए। लेकिन, निविदा प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही पार्षदों के एक धड़े ने शर्तों का विरोध कर महापौर को निरस्त करने के संबंध में ज्ञापन दिया। महापौर के निर्देश पर टेण्डर निरस्त हो भी गए। नए टेण्डर में दो-तीन माह लगने की संभावना है। महापौर महेश विजय इस बारे में कुछ भी कहने से बचते रहे जबकि उप महापौर सुनीता व्यास ने बिना जानकारी के टेण्डर निरस्त करने पर आपत्ति जताई है।
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यह किया था दावा
महापौर व आयुक्त ने जोनवाइज सफाई के टेण्डर जारी करते हुए दावा किया था कि प्वाइंट पर कचरा नजर नहीं आएगा। यदि कचरा फैला दिखा तो ठेकेदार पर मोटा जुर्माना लगाया जाएगा। दो बार कचरा उठाया जाएगा। नए टेण्डर होने से बड़े ठेकेदार आएंगे, प्रभावी निगरानी रहेगी।
शर्तों का पता नहीं, कर दिए हस्ताक्षर
पार्षदों के एक गुट ने ठेका निरस्त करवाने के लिए 17 पार्षदों के हस्ताक्षर कराए, लेकिन ज्यादातर पार्षदों को यह पता ही नहीं था कि क्या शर्ते हैं। पार्षद महेश गौतम सोनू का कहना है कि मेरे से ज्ञापन पर हस्ताक्षर करवाए थे, शर्तों के बारे में जानकारी नहीं थी।
पार्षदों के एक गुट ने ठेका निरस्त करवाने के लिए 17 पार्षदों के हस्ताक्षर कराए, लेकिन ज्यादातर पार्षदों को यह पता ही नहीं था कि क्या शर्ते हैं। पार्षद महेश गौतम सोनू का कहना है कि मेरे से ज्ञापन पर हस्ताक्षर करवाए थे, शर्तों के बारे में जानकारी नहीं थी।
उठे सवाल…
पार्षद गोपालराम मण्डा का कहना है कि किसके दबाव में कचरा परिवहन के टेण्डर निरस्त हुए, महापौर खुलासा करें। बार-बार टेण्डर निरस्त करने से कैसे शहर साफ होगा।
अनिल सुवालका, प्रतिपक्ष नेता भाजपा पार्षद छद्म नामों से ठेकेदारी करते हैं। निजी स्वार्थ के लिए सफाई व कचरा परिवहन के टेण्डर निरस्त कराते हैं। निष्पक्ष जांच हो। मामला बोर्ड बैठक में उठाएंगे।
जवाब ये…
पार्षद विनोद नायक का कहना है कि ऐसी शर्तें तय की गई थी कि ठेकेदार टेण्डर प्रक्रिया में भाग नहीं ले रहे थे। इसलिए टेंडर निरस्त करवाने के लिए ज्ञापन दिया।
पार्षद गोपालराम मण्डा का कहना है कि किसके दबाव में कचरा परिवहन के टेण्डर निरस्त हुए, महापौर खुलासा करें। बार-बार टेण्डर निरस्त करने से कैसे शहर साफ होगा।
अनिल सुवालका, प्रतिपक्ष नेता भाजपा पार्षद छद्म नामों से ठेकेदारी करते हैं। निजी स्वार्थ के लिए सफाई व कचरा परिवहन के टेण्डर निरस्त कराते हैं। निष्पक्ष जांच हो। मामला बोर्ड बैठक में उठाएंगे।
जवाब ये…
पार्षद विनोद नायक का कहना है कि ऐसी शर्तें तय की गई थी कि ठेकेदार टेण्डर प्रक्रिया में भाग नहीं ले रहे थे। इसलिए टेंडर निरस्त करवाने के लिए ज्ञापन दिया।
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काम , निरीक्षण हुआ तो खुल गई पोलवेतन नहीं तो सफाई नहीं
शहर के वार्ड 33 और 61 के ठेका श्रमिकों ने ठेकेदार द्वारा वेतन का भुगतान नहीं करने पर सोमवार को हड़ताल कर दी। इस कारण दोनों वार्डों की सफाई व्यवस्था ठप हो गई। सूचना पर वार्ड 33 के पार्षद राममोहन मित्रा सेक्टर कार्यालय पहुंचे और ठेकेदार से बात की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इस कारण दोनों वार्डों में सफाई नहीं हो पाई।
ठेका श्रमिकों का कहना है कि ठेकेदार पिछले चार-पांच माह से कभी भी समय पर वेतन का भुगतान नहीं करता। कई श्रमिकों को दो माह से भुगतान नहीं किया गया। बार-बार आश्वासन देकर टरका देता है। इस कारण अब भुगतान नहीं होने तक हड़ताल जारी रखी जाएगी।
विधायक ने दिलाया भुगतान का भरोसा पार्षद मित्रा ने बताया कि सेक्टर कार्यालय बुलाकर बात की। ठेकेदार का कहना है कि निगम की ओर से भुगतान नहीं होने से वेतन देने में समस्या आ रही है। मित्रा ने निगम उपायुक्त राकेश डागा को स्थिति से अवगत करवाया। इसके बाद श्रमिकों ने विधायक भवानीसिंह राजावत को उनके कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। राजावत ने दो दिन में श्रमिकों को भुगतान करवाने का आश्वासन दिया।