कोटा. कहने को कोटा जिला ओडीएफ हो गया, लेकिन आज भी जिले के गांवों में खुले में शौच का चलन बंद नहीं हुआ है। ग्रामीण घर में बने टॉयलेट्स को भूसा भरने तो कहीं गोबर के उपले भरने के काम ले रहे हैं। वहीं जिला मुख्यालय पर गंदे और बदहाल सार्वजनिक और सामुदायिक टॉयलेट्स शहर की स्वच्छता रैंकिंग खराब कर रहे हैं। पत्रिका संवाददाता व फोटोग्राफर ने शहर के सार्वजनिक टॉयलेट्स का स्कैन किया तो प्रमुख स्थानों पर बने टॉयलेट़्स पर ताले लगे मिले। जो टॉयलेट खुले थे, वे गंदगी से अटे और दुर्गन्ध से भरे हुए थे। ऐसे में लोग टॉयलेट की जगह इसके बाहर या आसपास खुले में निवृत्त होते नजर आए।
कोटा•Nov 19, 2024 / 07:27 pm•
नीरज गौतम
Hindi News / Photo Gallery / Kota / CITYTOILET:असुविधाजनक हैं ये सुविधा घर