गौरतलब है कि एसीबी ने कांस्टेबल भरत को एक परिवादी की जमीन का कब्जा दिलाने के लिए 3 लाख रुपए की घूस लेते शनिवार को गिरफ्तार कर लिया था। कांस्टेबल ने सीआइ के लिए यह घूस लेने की बात कबूली थी, लेकिन भनक लगने के कारण वह थाने से फरार हो गया था।
एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार ने बताया कि थानाधिकारी धनराज मीणा के आवास पर तलाश की, लेकिन कोई विशेष दस्तावेज नहीं मिले हैं। कैथून सरकारी आवास पर सर्च के दौरान 21 शराब की बोतल मिली थी।
एसीबी की सूचना पर आबकारी विभाग ने अलग से प्रकरण दर्ज कर लिया है। धनराज बूंदी जिले के केशवपुरा गांव का निवासी है। वहां भी जांच की गई। वहां पुश्तैनी मकान है और जमीन के दस्तावेज मिले हैं। आरोपी निलम्बित थानाधिकारी का एक सरकारी क्वार्टर कोटा ग्रामीण पुलिस लाइन में है, यहां भी तलाशी ली गई है। यहां कुछ दस्तावेज मिले हैं।
रडार पर था सीआई
एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि निलंबित थानाधिकारी धनराज मीणा के खिलाफ लगातार शिकायतें आ रही थीं, लेकिन ठोस सबूत नहीं मिलने के कारण ट्रैप नहीं कर पा रहे थे। जमीन से संबंधित मामले में परिवादी ने एसीबी में शिकायत की, तत्काल ट्रैप करने की व्यूहरचना तैयार की। एसीबी को यह पुता जानकारी मिल गई कि वह कांस्टेबल के जरिये लेन-देन करता है।
यह था मामला
एसीबी कोटा इकाई को परिवादी की ओर से शिकायत मिली थी कि जमीन के विवाद में खुद की जमीन पर कब्जा दिलवाने की एवज में कैथून थाना प्रभारी धनराज मीणा कांस्टेबल भरत कुमार जाट के जरिए 3 लाख रुपए की रिश्वत की मांग कर रहा है। एसीबी ने कांस्टेबल को शनिवार को ट्रैप कर लिया था। कांस्टेबल ने थानाधिकारी के लिए घूस लेने की बात कबूल की थी।