Chambal Garden: कोटा. घर में कोई बच्चा रूठ जाता था तो मां कहती थी, बेटा, शाम को चंबल गार्डन घूमने चंलेंगे। बच्चे अपनी जिद को भूल कर शाम का इंतजार करते…। करीब आधा किलोमीटर लंबे गार्डन में कितनी ही देर ठहरते, घूमते, झूलते पर लगता था अभी तो आए ही हैं। यहां के हरियाली, झूले, मूर्तियां हर चीज खूब पसंद आती। अभी भी सब कुछ हैं, लेकिन अनदेखी के चलते इसकी चमक लगातार फीकी पड़ रही है। न झूले बच्चों को आकर्षित कर रहे हैं, न फव्वारे।
कोटा•Nov 01, 2022 / 12:24 am•
Hemant Sharma
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