कोटा

कोटा डेयरी के तत्कालीन एमडी, सेवानिवृत्त लेखाकार व संवेदक के खिलाफ चालान पेश

पद का दुरुपयोग कर ठेका देने का मामला

कोटाSep 14, 2021 / 01:01 pm

dhirendra tanwar

कोटा. कोटा डेयरी में पद का दुरुपयोग कर कूट रचित दस्तावेज के आधार पर सह अभियुक्त को लेबर सप्लाई कायार्देश देने वाले तत्कालीन एमडी (प्रबंध संचालक) श्याम बाबू वर्मा, सेवानिवृत्त लेखाकार अखिलेश सक्सेना व संवेदक संजय माथुर के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश कर दिया। सभी आरोपी वर्तमान में जेल में हैं।
गौरतलब है कि कोटा निवासी परिवादी सत्यनारायण शर्मा ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा को परिवाद दिया था। इसमें उसने बताया था कि कोटा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि. (कोटा डेयरी) में दिसंबर 2014 में ग्रेजुयेट्स एवं अन्य प्रोफेशनल श्रमिकों की पूर्ति का टेंडर मैसर्स चित्रांशु पूर्व सैनिक बहुउद्देशीय सहकारी समिति लि. ने दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर डेयरी के लेखा अधिकारी व एमडी से सांठगांठ कर व रिश्वत देकर डेढ़ करोड़ रुपए का ठेका ले लिया। इस परिवाद पर ब्यूरो द्वारा की गई जांच में उक्त फर्म के नाम श्रम कल्याण विभाग जिला बूंदी द्वारा जारी लाइसेंस संख्या 142-2014 कूट रचित पाया। मैसर्स चित्रांशु पूर्व सैनिक बहुउद्देशीय सहकारी के प्रोपराइटर अध्यक्ष संजय कुमार माथुर ने निविदा प्रपत्र में अलग लाइसेंस नंबर के आधार पर आरोपी लेखाधिकारी अखिलेश सक्सेना व कोटा डेयरी के तत्कालीन प्रबंध संचालक श्याम बाबू वर्मा द्वारा अपने पद का दुरुपयोग एवं मिलीभगत करते हुए फर्म के द्वारा पेश कूट रचित लाइसेंस के आधार पर उसे कायार्देश जारी कर दिया। कोटा डेयरी में उक्त फर्म की शिकायत करने पर फर्म द्वारा निविदा में अंकित लाइसेंस 142-2014 के स्थान पर लाइसेंस संख्या 142-2015 अंकित कर एवं लाइसेंस की छाया प्रति लगाकर श्रम कल्याण विभाग जिला बूंदी से जांच करवाई गई, लेकिन लाइसेंस संख्या 142-2014 की जांच नहीं करवाई। उक्त फर्म से 1 जनवरी 2015 से 31 दिसंबर 2015 तक कार्य करवाया गया। यहीं नहीं उक्त फर्म का ठेका 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2017 तक की अवधि के लिए बढ़ा दिया गया। उक्त फर्म को जनवरी 2015 से जनवरी 2017 तक किए कार्य के लिए कोटा डेयरी द्वारा कुल 3 करोड़ 75 लाख 84 हजार 924 रुपए का भुगतान किया। इस प्रकार आरोपी अखिलेश सक्सेना व श्याम बाबू वर्मा ने अपने पद का दुरुपयोग कर आरोपी संजय कुमार माथुर की फर्म को कायार्देश जारी कर कुल राशि 3 करोड़ 75 लाख 84 हजार 924 रुपए का भुगतान कर सदोष अभिलाभ प्रदान करना प्रमाणित पाया गया। इन सभी के खिलाफ एसीबी कोटा ने चालान पेश किया है।

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