हरनावदाशाहजी/अकलेरा. बारां जिले के हरनावदाशाहजी-अकलेरा मार्ग पर परवन नदी में डूबी नाव में सवार सात लोगों का बुधवार शाम तक पता नहीं लग पाया है। इस बीच बुधवार सुबह से शाम तक करीब दो सौ लोगों की अलग-अलग टीमें तलाशी में जुटी रही।
इधर, नाव संचालन रोकने के लिए कार्य में लापरवाही बरतने पर पुलिस अधीक्षक ने हेड कांस्टेबल को निलम्बित किया है वहीं पुलिस की ओर से अवैध रूप से नाव संचालन के मामले में चार नाविकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने रेस्क्यू अभियान की निगरानी की और पूरे क्षेत्र का जायजा लिया।
सुबह से शाम तक अलग-अलग टीमों ने घटनास्थल से लेकर झालावाड़ जिले के अकावद बांध के निकट तक नदी के किनारों का चप्पा-चप्पा तलाशा, रेस्क्यू टीम ने करीब १८ किमी क्षेत्र में सर्चिंग की, लेकिन हाथ कुछ नहीं आया। करीब दो सौ लोगों की टीम सर्चिंग अभियान में जुटी हुई है, जिसमें पुलिस के जवान, दूसरे फोर्स के जवान, राजस्व कर्मचारी-अधिकारी समेत आस-पास के गांवों के कुछ लोग भी मदद में जुटे है।
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यह हैं लापता छीपाबड़ौद निवासी सोनू नागर और लक्ष्मी बागरी, कोटा जिले के सुल्तानपुर निवासी जयप्रकाश, अकलेरा निवासी धर्मेन्द्र समेत सात जने लापता हैं। लापता सात जनों में से तीन बारां, तीन झालावाड़ व एक कोटा जिले का व्यक्ति शामिल है। जिला कलक्टर डॉ. एसपी सिंह के अनुसार सभी लापता लोगों की पहचान हो चुकी है। छात्रा का अंतिम संस्कार
नाव हादसे में अकाल मौत की शिकार हुई छीपाबड़ौद निवासी संतोष का बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया। वह बीएड कर रही थी। मंगलवार को वह पेपर देने आ रही थी। हादसे के बाद फोटो सोशल मीडिया पर आए तो उसकी पहचान हुई।
नाव हादसे में अकाल मौत की शिकार हुई छीपाबड़ौद निवासी संतोष का बुधवार को अंतिम संस्कार किया गया। वह बीएड कर रही थी। मंगलवार को वह पेपर देने आ रही थी। हादसे के बाद फोटो सोशल मीडिया पर आए तो उसकी पहचान हुई।
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डटे रहे अधिकारी नदी के दोनों छोर पर शाम तक बारां जिला कलक्टर डॉ. एसपी सिंह, एसपी डीडी सिंह, उपाधीक्षक प्रदीप हापावत, उपखंड अधिकारी हीरालाल वर्मा समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी कई गांवों के निकट होकर गुजर रही नदी के किनारों पर डटे हुए थे। वहीं अतिरिक्त संभागीय आयुक्त प्रियंका गोस्वामी ने भी घटनास्थल के साथ अन्य गांवों का दौरा कर मामले की जानकारी ली। अकलेरा की तरफ सुबह प्रभारी सचिव जेसी मोहंती, झालावाड़ जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र सोनी, एडीएम भवानी सिंह पालावत, विधायक कंवर लाल मीणा, प्रधान बेनाथ मीणा, एएसपी खुशाल सिंह राजपुरोहित आदि अकलेरा मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया और अधीनस्थों को नदी किनारे वाले गांवो में निगरानी के निर्देश दिए।
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दो माह तक रहता है मार्ग बन्ददो जिलों को जोडऩे वाली परवन नदी में बारिश का पानी आते ही करीब दो माह मार्ग बंद रहता है। ऐसे में अधिक दूरी से बचने के लिए अकलेरा से बारां जिले में आने जाने वाले लोग जोखिम में उठाकर सफर करते हैं।
पुलिस उप अधीक्षक अकलेरा गुमनाराम का कहना है कि सुबह से सर्च अभियान चल रहा है। अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। एनडीआरएफ एसटीआर समेत अन्य टीमें पानी में तलाश कर रही हैं। बाहर पुलिस टीमें जुटी हैं।