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16 कलाओं से परिपूर्ण होगा शरद पूर्णिमा का चांद, सर्वार्थ सिद्धी
योग से बरसेगा अमृतबरसेगा सौभाग्य का अमृत पंचांग के जानकार पंडितों व ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि 5 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा से कार्तिक स्नान प्रारम्भ हो जाएगा। महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान, तुलसी की परिक्रमा, दीपदान, भजन-कीर्तन करेंगी। दिन में एक बार तारों की छांव में भोजन करेंगी। कार्तिक मास में दीपदान का विशेष महत्व है। इस दौरान लोग घर की छत पर आकाशीय दीपक जलाते हैं। मान्यता है कि छत पर दीपक जलाने से घर में सौभाग्य में वृद्धि होती है। स्नानदान व दीपदान से व्यक्ति की अल्पमृत्यु नहीं होती।
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सचिन पायलटमिलेगी सुख-समृद्धि इस बार पूर्णिमा तिथि सूर्योदय से मध्य रात्रि 12.10 बजे तक रहेगी। स्वार्थ सिद्धी योग रात्रि 8.50 से अगले दिन सूर्योदय तक होगा। इस दिन चंद्रमा पूरा नजर आने से इसे महापूर्णिमा भी कहते हैं। ज्येातिष शास्त्र के अनुसार चंद्रमा को मन का कारक माना है। इस रात्रि में पूजा, पाठ, हवन, भगवान को खीर का भोग लगाने का महत्व है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी रात्रि में पृथ्वी पर विचरण करती है। जो जाग रहा होता है और लक्ष्मी का पाठ-पूजन करता है उससे लक्ष्मी प्रसन्न होती है।
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शरद पूर्णिमा पर लगेगा खीर का भोग शरद पूर्णिमा पर गुरुवार को मंदिरों-घरों में भगवान को खीर का भोग लगाया जाएगा। ठाकुरजी को धवल पोशाक धारण कराई जाएगी। मान्यता है कि इस दिन चन्द्रमा १६ कलाओं से युक्त और पृथ्वी के सर्वाधिक निकट होता है। इसलिए दमा, पित्त आदि रोग दूर करने के लिए चांदनी युक्त खीर खाई जाती है। इस दिन शहर में जगह-जगह औषधि युक्त खीर का वितरण भी किया जाएगा।
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दस्तक देगी ठंड शरद पूर्णिमा के साथ ऋतु में बदलाव का दौर शुरू होगा। गर्मी से राहत मिलेगी और ठंड असर दिखाने लगेगी। इससे लोगों के पहनावे में बदलाव शुरू हो जाएगा। सर्दी की दस्तक से मंदिरों में प्रसाद-झांकी, लोगों के खान-पान में बदलाव शुरू हो जाएंगे। गुड़-मूंगफली, गजक के साथ मूली, मूंग, बाजरा आदि खान-पान में शामिल होंगे। नई फसल के अन्नकूट का भोग भगवान को लगाया जाएगा।
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कोटा के गढ़ पैलेस में सजा शाही दरीखाना त्यौहारों की लगेगी झड़ी हिंदू पंचांग के इस सबसे पावन महीने में त्यौहारों की तो मानो झड़ी ही लग जाएगी। सभी त्यौहार सुख और समृद्धि प्रदान करेंगे। आइए जानते हैं किस दिन कौन सा त्यौहार होगाः-कब कौनसा व्रत-त्यौहार
05 अक्टूबर : शरद पूर्णिमा
08 अक्टूबर : करवा चौथ
12 अक्टूबर : अहोई अष्टमी
15 अक्टूबर : रमा एकादशी
16 अक्टूबर : गौवत्स द्वादशी
17 अक्टूबर : धनतेरस
18 अक्टूबर : रूप चतुर्दशी
19 अक्टूबर : दीपावली
20 अक्टूबर : गोवद्र्धन पूजा
21 अक्टूबर : भाईदूज
25 अक्टूबर : सौभाग्य पंचमी
24-26 अक्टूबर : डाला छठ
28 अक्टूबर : गोपाष्टमी
29 अक्टूबर : आंवला नवमी
31 अक्टूबर : देव प्रबोधिनी एकादशी
03 नंवबर : वैकुंठ चतुर्दशी
04 नवंबर : कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली