यह भी पढ़ें
#sehatsudharosarkar: अस्पतालों की सेहत सुधारने के लिए कांग्रेसियों ने किया प्राचार्य का घेराव कांग्रेस भी विरोध में उतरी सूरजपोल स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) का सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें पूर्व मंत्री भरत सिंह ने सरकार की ओर इशारा करते हुए कहा सभी चीजें पीपीपी मोड पर नहीं चलाएं। उच्च पद पर बैठकर लोगों को धोखा दिया जाए, यह अच्छी बात नहीं। शिक्षा सहकारी सभा के मंत्री ईश्वर सिंह ने कहा कि शिक्षक अपने मूल काम से हटे तो शिक्षा वेन्टीलेटर पर पहुंच जाएगी। अपनी पहचान काम से है, जो भी वर्ग मूल काम खत्म कर देगा, वह अपने आप खत्म हो जाएगा। कार्यक्रम को प्रदेश कांग्रेस के महासचिव पंकज मेहता, डॉ. इकराम खान, कुशपाल सिंह, कर्मचारी नेता अजीम पठान, सुरेश मेहरा, जिलाध्यक्ष रामेश्वर सामरिया समेत अन्य ने सम्बोधित किया।
यह भी पढ़ें
बच्चों का भविष्य खतरे में छुट्टी लूंगी तो बंद हो जाएगा स्कूल यहां भी हुआ सरकार का विरोध अखिल राजस्थान प्रबोधक संघ का सम्मेलन विज्ञान नगर स्थित गायत्री शक्ति पीठ पर हुआ। यहां मुख्य अतिथि विधायक संदीप शर्मा व विशिष्ट अतिथि यूआईटी चेयरमैन रामकुमार मेहता, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मनमोहन जोशी, एकीकृत महासंघ के जिलाध्यक्ष हरिसूदन शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश शर्मा व मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की प्रदेशाध्यक्ष हंसा त्यागी ने भी स्कूलों के निजीकरण के फैसले को गलत बताते हुए शिक्षा और शिक्षकों की समस्याओं के समाधान की बात कही। वहीं राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम का अधिवेशन भीतरियाकुंड पर हुआ। जिसमें प्रदेश मंत्री भंवर सिंह हाड़ा, पूर्व जिलाध्यक्ष जोधराज मीणा ने भी स्कूलों के निजीकरण पर नाराजगी जताई। राजस्थान प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षक संघ का अधिवेशन राउमावि केशवपुरा में हुआ। राजस्थान शिक्षा सेवा परिषद प्रधानाचार्य का अधिवेशन राउमावि दादाबाड़ी में हुआ। प्रयोगशाला सहायक संघ का अधिवेशन बड़ी महारानी रामपुरा स्कूल में हुआ। राजस्थान सेवा परिषद कोटा का अधिवेशन राउमावि महावीर नगर तृतीय में किया गया। इन सभी सम्मेलनों में भी सरकार के फैसले पर गंभीर चिता जताई।