वर्ष 2013 में नगर विकास न्यास का दस्ता वाम्बे योजना में अतिक्रमण हटाने गया था। इस दौरान समर्थकों के साथ मौके पर पहुंचे राजावत ने तहसीलदार को अतिक्रमण तोडऩे से मना किया लेकिन तहसीलदार ने सरकार के आदेश का हवाला देते हुए कार्रवाई जारी रखी। इससे गुस्साए राजावत ने भीड़ के बीच तहसीलदार को थप्पड़ जड़ दिया। इसे लेकर राजावत व उनके समर्थकों के खिलाफ राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज हुआ। बाद में सरकार ने मुकदमा वापस ले लिया।
इसी तरह वर्ष 2007 में भवानीमंडी में दंगा भड़काने का मुकदमा दर्ज हुआ था। तब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की भवनीमंडी में परिवर्तन यात्रा निकल रही थी। रथ भवानीमंडी में चल रहा था तब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रथ पर पथराव कर दिया। मुख्यमंत्री के साथ रथ में राजावत भी थे।
उन्होंने कार्यकर्ताओं को उकसाते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पथराव करा दिया और उनके खिलाफ दंगा भड़काने का मुकदमा दर्ज हुआ था। यह मुकदमा करीब 6 माह पहले खत्म हो चुका है। चम्बल का पानी भीलवाड़ा देने पर रेल रोको अभियान चलाकर राजावत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने रेल रोक दी थी। यह मामला भी अभी लम्बित है।
राजमार्ग पर किया था चक्काजाम
वर्ष 2013 में राजावत के खिलाफ शहर के अनन्तपुरा थाना क्षेत्र में झालावाड़ रोड पर सिटी माल के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम करने का मामला भी लम्बित है। तब उन्होंने समर्थकों के साथ झालावाड़ रोड स्थित एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी के शोरूम पर तोडफ़ोड़ कर चक्काजाम किया था।
वर्ष 2013 में राजावत के खिलाफ शहर के अनन्तपुरा थाना क्षेत्र में झालावाड़ रोड पर सिटी माल के सामने राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम करने का मामला भी लम्बित है। तब उन्होंने समर्थकों के साथ झालावाड़ रोड स्थित एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी के शोरूम पर तोडफ़ोड़ कर चक्काजाम किया था।
दूसरा मामला 2010 में किशोरपुरा में ध्वनि प्रदूषण अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था। तीसरा मामला 2009 में उद्योगनगर थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने का है। तीनों मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं। शेष मामले सरकार ने वापस ले लिए।
सभी मामले राजनीति से जुड़े हुए थे। तहसीलदार गरीबों के आशियाने उजाड़ रहा था, मना करने पर भी नहीं मानने के कारण थप्पड़ मारा था।
भवानीसिंह राजावत, विधायक लाडपुरा
भवानीसिंह राजावत, विधायक लाडपुरा