जानकारों के अनुसार, नारकोटिक्स विभाग ने पिछले साल अक्टूबर में 3.7 से 4.2 किलोग्राम मार्फिन प्रति हैक्टेयर की उपज देने वाले कई किसानों को सीपीएस पद्धति से खेती के लिए 6 आरी का लाइसेंस जारी किया था। पूरे देश में करीब साढ़े 9 हजार किसानों को लाइसेंस मिले थे, जबकि राजस्थान में यह आंकड़ा 1500 से ज्यादा था।
यह है पद्धति
सीपीएस पद्धति में सीधे डोडे से अफीम निकालते हैं। इस प्रक्रिया से अफीम में मार्फिन, कोडिन फास्टेट और अन्य रसायन की गुणवत्ता बहुत अच्छी रहती हैं। आस्ट्रेलिया समेत कई देशों में सीपीएस पद्धति से अफीम की खेती की जा रही है। कई देशों की दवा कंपनियां आस्ट्रेलिया से अफीम व उससे निकलने वाले रसायन मंगवा रही है। जबकि भारत में परम्परागत खेती के तहत डोडे में चीरा लगाकर उसका दूध बर्तन में इकठ्ठा किया जाता है। यह दूध अफीम बनने के बाद नारकोटिक्स विभाग को दिया जाता है।
सीपीएस पद्धति में सीधे डोडे से अफीम निकालते हैं। इस प्रक्रिया से अफीम में मार्फिन, कोडिन फास्टेट और अन्य रसायन की गुणवत्ता बहुत अच्छी रहती हैं। आस्ट्रेलिया समेत कई देशों में सीपीएस पद्धति से अफीम की खेती की जा रही है। कई देशों की दवा कंपनियां आस्ट्रेलिया से अफीम व उससे निकलने वाले रसायन मंगवा रही है। जबकि भारत में परम्परागत खेती के तहत डोडे में चीरा लगाकर उसका दूध बर्तन में इकठ्ठा किया जाता है। यह दूध अफीम बनने के बाद नारकोटिक्स विभाग को दिया जाता है।
रकबा बढ़ेगा
जानकारों का कहना है कि सीपीएस पद्धति से अफीम की खेती से तस्करी पर अंकुश लगेगा। डोडा चूरा की तस्करी पर भी रोक लगेगी। वर्ष 2015 के बाद राज्य सरकार ने डोडा चूरा की खरीद बंद कर दी। अब किसानों को डोडा चूरा नष्ट करना पड़ता हैं। तस्कर इसे किसानों से खरीद ले जाते हैं।
जानकारों का कहना है कि सीपीएस पद्धति से अफीम की खेती से तस्करी पर अंकुश लगेगा। डोडा चूरा की तस्करी पर भी रोक लगेगी। वर्ष 2015 के बाद राज्य सरकार ने डोडा चूरा की खरीद बंद कर दी। अब किसानों को डोडा चूरा नष्ट करना पड़ता हैं। तस्कर इसे किसानों से खरीद ले जाते हैं।
वित्त मंत्री से मिले
भारतीय किसान संघ से जुड़े अफीम उत्पादक जिले के किसान दो दिन पूर्व नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिले। उन्होंने अफीम उत्पादन से जुड़ी कई समस्याओं के बारे में वित्त मंत्री को ज्ञापन दिया। किसानों का कहना था कि देश में अफीम की फसल का रकबा बढ़ाया जाएं।
पिछले कई सालों में जिन किसानों को लाइसेंस रद्द हुए हैं, केन्द्र सरकार को उन्हें सीपीएस पद्दति से अफीम की खेती का लाइसेंस देना चाहिए। सरकार को अफीम नीति इस माह के अंत जारी कर देनी चाहिए।
– बद्रीलाल तेली, अध्यक्ष अफीम किसान संघर्ष समिति,चित्तौड़ प्रांत
भारतीय किसान संघ से जुड़े अफीम उत्पादक जिले के किसान दो दिन पूर्व नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिले। उन्होंने अफीम उत्पादन से जुड़ी कई समस्याओं के बारे में वित्त मंत्री को ज्ञापन दिया। किसानों का कहना था कि देश में अफीम की फसल का रकबा बढ़ाया जाएं।
पिछले कई सालों में जिन किसानों को लाइसेंस रद्द हुए हैं, केन्द्र सरकार को उन्हें सीपीएस पद्दति से अफीम की खेती का लाइसेंस देना चाहिए। सरकार को अफीम नीति इस माह के अंत जारी कर देनी चाहिए।
– बद्रीलाल तेली, अध्यक्ष अफीम किसान संघर्ष समिति,चित्तौड़ प्रांत
वर्ष 2021-22 में प्रदेश में जारी पट्टे
जिला अफीम कुल पट्टे सीपीएस के पट्टे
कोटा 2975 _
झालावाड़ 1761 _
चित्तौड़गढ़़ 15755 535
प्रतापगढ़ 7646 850
भीलवाड़ा 5639 48
जिला अफीम कुल पट्टे सीपीएस के पट्टे
कोटा 2975 _
झालावाड़ 1761 _
चित्तौड़गढ़़ 15755 535
प्रतापगढ़ 7646 850
भीलवाड़ा 5639 48