धौलपुर तक प्रशासन ने हाई अलर्ट
म्बल नदी की रियासतकालीन पुलिया पानी में डूब गई है। पुलिस ने आवागमन बंद कर दिया है। उधर चम्बल नदी में जल स्तर बढ़ने पर धौलपुर तक प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। मध्यप्रदेश क्षेत्र में हो रही झमाझम बारिश के कारण चम्बल के सबसे बड़े चारों बांधों के गेट खोल दिए गए।
स्काडा सिस्टम से कम्प्यूटर का बटन दबाकर खोले गए
गांधीसागर बांध से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण रावतभाटा के राणा प्रताप सागर बांध के रविवार को दो गेट खोल दिए गए। यहां से 78 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। बांध के गेट खोलने से पहले चंबल माता की पूजा-अर्चना की गई। पहले सायरन बजाकर आसपास के लोगों को सूचित किया गया। राणा प्रताप सागर बांध पर पिछले साल स्काडा सिस्टम शुरू कर दिया था। दोनों गेट स्काडा सिस्टम से कम्प्यूटर का बटन दबाकर खोले गए।
8 गेट खोलकर 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा
जलसंसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता नीरज अग्रवाल ने बताया कि गांधीसागर बांध के तीन स्लूज (छोटे) गेट शनिवार दोपहर को खोल देने से लगातार 62 हजार 296 क्यूसेक पानी की आवक के बाद रविवार सुबह राणा प्रताप सागर बांध का जलस्तर पूर्ण भराव क्षमता 1157.50 फीट के मुकाबले 1157.40 फीट पहुंचने पर गेट खोलने का निर्णय हुआ। पहला गेट 9 नंबर खोला गया और 35 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई। दूसरा गेट 10 नंबर खोला गया। जिससे 33 हजार क्यूसेक पानी की निकासी शुरू की गई। बांध का जलस्तर 1157.40 फीट स्थिर रखा जाएगा। उसके बाद जवाहर सागर का जलस्तर 975.30 फीट मापा गया। यहां 79620 क्यूसेक पानी की आवक होने पर 4 गेट खोलकर 68697 और विद्युत उत्पादन कर 10823 क्यूसेक पानी की निकासी जारी थी। कोटा बैराज का जलस्तर 853.40 फीट दर्ज किया गया। यहां 8 गेट खोलकर 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।
सितंबर में लगातार छह साल
राणा प्रताप सागर बांध के सितंबर 19 में चंबल बाढ़ विभीषिका की वजह से सभी 17 गेट खोले गए थे। साल 19 के बाद हर वर्ष सितंबर में गेट खुल रहे है। 2013 से पहले 10-10 साल के अंतराल में गेट खुले थे। 2016 के बाद 2019 में गेट खोले गए थे।