रामगंजमंडी इलाके के जंगलों में घूम रहा एक भालू भटकता हुआ दरा रेलवे ट्रैक पर आ गया। इसी दौरान तेज रफ्तार आती एक ट्रेन से उसकी टक्कर हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि भालू ट्रेक से उछल कर कई मीटर दूर जा गिरा और रात में ही उसकी मौत हो गई।
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भालू की मौत की खबर लगते ही वन विभाग में हड़कंप मच गया। रात में वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी दरा रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए। उन्होंने मृत भालू को वहां से उठाकर जीप में डाला और सुरक्षित जगह लेकर आए। जहां बुधवार को उसके पोस्टमार्टम की औपचारिकताएं पूरी की गईं।
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मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के लिए तगड़ा झटका
दरा रेलवे ट्रैक पर भालू की मौत मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व को आबाद करने की कोशिशों के लिए तगड़ा झटका साबित हो सकती है। रणथंभौर से बाघ लाकर यहां बसाने की जल्दबाजी में वन विभाग के अफसर वन्य जीवों की सुरक्षा का मुद्दा भूल गए। वन्यजीव प्रेमियों की तमाम मांगों के बावजूद दरा रेलवे ट्रेक पर अभी तक तारबन्दी नही हो सकी है।
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पिछले दिनों मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जीवी रेड्डी के साथ वन्यजीव प्रेमियों की बैठक में पूर्व वन्यजीव प्रतिपालक रविंद्र सिंह तोमर ने दरा रेलवे ट्रैक पर वन्यजीवों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया।
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वन्यजीव प्रेमी भालू की मौत के लिए वन विभाग को जिम्मेदार मान रहे हैं, क्योंकि वह वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए दरा रेलवे ट्रैक पर तारबंदी करने की लगातार मांग कर रहे थे। जिसे वन विभाग ने हर बार अनसुना कर दिया।
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रणथंभौर टाइगर रिजर्व से कोटा के जंगलों में आए टाइगर ब्रोकेन टेल की दरा रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आकर हुई मौत को लोग अभी भूले नहीं हैं। इस बार भालू की मौत ने फिर से टाइगर प्रोजेक्ट पर सोचने को मजबूर कर दिया है।
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कोटा विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर और यूजीसी की रिसर्च अवार्डी डॉ. अनुकृति शर्मा कहती हैं कि बाघ की मौत से मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म की नींव रखने से पहले ही हिल गई है। ब्रोकन टेल की मौत के बाद भी वन विभाग के अफसरों ने इस खतरे को खत्म करने में गंभीरता नहीं बरती। यदि रणथंभौर से आने वाला बाघ भी गलती से इस ट्रैक पर चला गया तो मुकंदरा के टाइगर प्रोजेक्ट ही नहीं कोटा के पर्यटन पर हमेशा के लिए ग्रहण लग जाएगा। इसलिए वन विभाग के अफसरों को टाइगर लाने स पहले रेलवे ट्रैक पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम करने होंगे।
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टाइगर छोड़ने से पहले करनी होगी तार बंदी
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व की राह में दरा रेलवे ट्रेक सबसे बड़ी बाधा बन सकता है। वन्यजीव प्रेमी डॉ. सुधीर गुप्ता कहते हैं कि बाघ इस ओर भी आ सकता है। इसलिए रणथंभौर से लाकर मुकंदरा में छोड़ने से पहले वन विभाग को दरा रेलवे ट्रेक के आसपास तारबंदी करनी होगी। रविंद्र तोमर कहते हैं कि वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए मुकंदरा से गुजरने वाले सड़क मार्गों पर भी तारबंदी जैसे पर्याप्त इंतजाम करने होंगे।