शहर में गर्मियों की छुट्टियों में अक्सर बच्चे दादा-दादी-नाना नानी के घर जाते हैं, लेकिन कुछ बच्चे ऐसे हैं, जो यहीं रहकर बाल संस्कार शिविरों में संस्कारित व आत्मनिर्भर बनना सीख रहे हैं। वे यहां घरेलू कार्य और अध्यात्म से जुड़ना सीख रहे हैं। केन्द्रों पर बच्चों को ध्यान, योग, व्यायाम तो कराया ही जा रहा है।
कोटा•May 26, 2024 / 03:53 pm•
Abhishek Gupta
Hindi News / Videos / Kota / BalSanskarShivir: छुट्टियों में बच्चे सीख रहे बर्तन धोना, दंडवत प्रणाम करना