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एसीबी की कोटा स्पेशल यूनिट के निरीक्षक हरिसिंह मीणा ने बताया कि सुकेत थाना क्षेत्र के दुर्जनपुरा निवासी कैलाशचंद धाकड़ ने 6 फरवरी को एसीबी झालावाड़ में शिकायत दी थी कि उनकी पत्नी राधा देवी के नाम से कृषि भूमि के अनुदान पर पाइप लाइन व रीपर मशीन के लिए कृषि विभाग सांगोद में फाइल जमा करवाई थी। काफी समय से वह कार्यालय के चक्कर काट रहा था। फाइल स्वीकृत कर भुगतान करने के लिए सहायक निदेशक सीताराम बैरवा कुंभकोट में कार्यरत कृषि पर्यवेक्षक पुरजीत सिंह हाड़ा के माध्यम से सात हजार रुपए रिश्वत मांग रहे हैं। पर्यवेक्षक पुरजीत ने सत्यापन के दौरान फरियादी से रामगंजमंडी में दो हजार रुपए ले लिए और शेष 5 हजार रुपए लेकर शुक्रवार को बुलाया था।
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कोटा में ली रकम, सांगोद में जाकर दी
निरीक्षक मीणा ने बताया कि पुरजीत सिंह ने कैलाशचंद को 5 हजार रुपए लेकर कोटा में झालावाड रोड पर बुलाया था। फरियादी ने पर्यवेक्षक को 5 हजार रुपए दिए और इशारा मिलते ही एसीबी की टीम ने उसे पकड़ लिया। पकड़े जाने पर पुरजीत सिंह ने बताया कि उसने यह रकम सहायक निदेशक के लिए ली है। इस पर सिंह की बैरवा से फोन पर बात करवाई। बैरवा ने उसे रकम लेकर सांगोद स्थित अपने कार्यालय में बुलाया। यहां जैसे ही सिंह ने बैरवा को पांच हजार रुपए दिए, वैसे ही टीम ने उसे भी रंगे हाथ पकड़ लिया।
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भागने का किया प्रयास
बैरवा ने एसीबी टीम को देखकर भागने का प्रयास किया। टीम ने दोनों आरोपितों गिरफ्तार किया। कार्रवाई के बाद स्पेशल टीम दोनों को गिरफ्तार कर रात को कोटा लेकर आई। सहायक निदेशक बैरवा बाइस गोदाम स्थित भोजपुरा विकास कॉलोनी जयपुर तो पुरजीत सिंह को इटावा कोटा का रहने वाला है।