कोटा

जिसने जमींदोज किया चंद्रसल मठ अब वहीं करेंगे जांच

चन्द्रेसल मठ में चल रहे जीर्णोद्वार कार्य में बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने इसकी जांच के निर्देश दिए हैं।

कोटाFeb 01, 2018 / 12:06 pm

​Zuber Khan

कोटा . चन्द्रेसल मठ में चल रहे जीर्णोद्वार कार्य में बड़ी लापरवाही सामने आने के बाद जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने इसकी जांच के निर्देश दिए हैं। इसके लिए संयुक्त टीम का गठन किया जाएगा। बुधवार को हुई पर्यटन विकास की बैठक में कलक्टर ने यह निर्देश दिए। कलक्टर ने कहा, पुरामहत्व के संरक्षण के लिए नगर विकास न्यास, इन्टेक, पुरातत्व विभाग की संयुक्त टीम बनाकर समय-समय पर जांच की जाएगी।
 

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कलक्टर ने कहा, टीम संयुक्त रूप से यह जाकर देखे कि प्राचीन प्रतिमाओं और धरोहर को किसी तरह का नुकसान नहीं हो। आगे यह सुनिश्चित करें कि पुरासंपदा को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचे। यह संयुक्त टीम जिला कलक्टर का मौका देखकर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उल्लेखनीय है कि चंद्रेसल मठ के जीर्णोद्वार के दौरान प्राचीन प्रतिमाओं के संरक्षण और उन्हें क्रम से रखने में लापरवाही सामने आई है। राजस्थान पत्रिका ने यह मामला प्रमुखता से उजागर किया। पत्रिका में सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए जा रहे हैं। पत्रिका की खबरों के बाद जिला कलक्टर ने जांच के लिए संयुक्त टीम बनाने के निर्देश जारी किए हैं।
 

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पांच दिग्पाल और शिव-दुर्गा की दुर्लभ प्रतिमाएं लापता
चंद्रेसल मठ में मुख्य शिव मंदिर के गर्भ गृह की बाहरी दीवारों पर स्थापित 10 दुर्लभ दिग्पालों में से 5 चोरी हो चुके हैं। मुख्य मंदिर के बाहर स्थापित देवी दुर्गा और भगवान शिव की कई विलक्षण प्रतिमाएं भी लापता हैं। जबकि आठ प्रतिमाएं जीर्णोद्धार के दौरान मलवे में दबा दी गई।
 

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ग्यारह सौ साल पुराने इस मठ पर शोध करने वाली इतिहासकार डॉ. सुषमा अहूजा ने बताया कि मुख्य शिव मंदिर के गर्भगृह की बाहरी दीवारों पर 10 दिग्पाल इंद्र, सूर्य , अग्नि, यम, नैऋत्य, वरुण, कुबेर, ईशान, चंद्र, ब्रह्मा की प्रतिमाएं स्थापित थीं, लेकिन आज सिर्फ दिग्पाल यम की प्रतिमा दीवार पर मौजूद है। इंद्र और वरुण की प्रतिमाएं मंदिर परिसर में मलवे के ढ़ेर पर पड़ी हैं और एक दिग्पाल मलवे के नीचे।

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