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कोटा में नागाओं के मठ में एएसआई ने मचाई तबाही, 1100 साल पुरानी मूर्तियां और समाधियां तोड़ी कलक्टर ने कहा, टीम संयुक्त रूप से यह जाकर देखे कि प्राचीन प्रतिमाओं और धरोहर को किसी तरह का नुकसान नहीं हो। आगे यह सुनिश्चित करें कि पुरासंपदा को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचे। यह संयुक्त टीम जिला कलक्टर का मौका देखकर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। उल्लेखनीय है कि चंद्रेसल मठ के जीर्णोद्वार के दौरान प्राचीन प्रतिमाओं के संरक्षण और उन्हें क्रम से रखने में लापरवाही सामने आई है। राजस्थान पत्रिका ने यह मामला प्रमुखता से उजागर किया। पत्रिका में सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए जा रहे हैं। पत्रिका की खबरों के बाद जिला कलक्टर ने जांच के लिए संयुक्त टीम बनाने के निर्देश जारी किए हैं।
शिव मंदिर में तबाही, सदियों पुरानी मूर्तियां तोड़ी…देखिए तस्वीरों में पांच दिग्पाल और शिव-दुर्गा की दुर्लभ प्रतिमाएं लापताचंद्रेसल मठ में मुख्य शिव मंदिर के गर्भ गृह की बाहरी दीवारों पर स्थापित 10 दुर्लभ दिग्पालों में से 5 चोरी हो चुके हैं। मुख्य मंदिर के बाहर स्थापित देवी दुर्गा और भगवान शिव की कई विलक्षण प्रतिमाएं भी लापता हैं। जबकि आठ प्रतिमाएं जीर्णोद्धार के दौरान मलवे में दबा दी गई।
ग्यारह सौ साल पुराने इस मठ पर शोध करने वाली इतिहासकार डॉ. सुषमा अहूजा ने बताया कि मुख्य शिव मंदिर के गर्भगृह की बाहरी दीवारों पर 10 दिग्पाल इंद्र,
सूर्य , अग्नि, यम, नैऋत्य, वरुण, कुबेर, ईशान, चंद्र, ब्रह्मा की प्रतिमाएं स्थापित थीं, लेकिन आज सिर्फ दिग्पाल यम की प्रतिमा दीवार पर मौजूद है। इंद्र और वरुण की प्रतिमाएं मंदिर परिसर में मलवे के ढ़ेर पर पड़ी हैं और एक दिग्पाल मलवे के नीचे।