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शाम से ही टकराने लगे जाम से जाम पत्रिका संवाददाता अंकित चंद्रावत जब शाम 7.30 बजे छावनी फ्लाईओवर स्थित रॉकलैण्ड बार पहुंचे तो यहां शराब के शौकीनों की महफिल सजी हुई थी। लोग पूरे इत्मिनान से यहां बैठकर शराब पी रहे थे। जबकि हाइवे पर स्थित होने के कारण आबकारी विभाग अप्रेल में ही इसे बंद करवा चुका है। इसके बाद संवाददाता कोटड़ी चौराहा स्थित घूंघट बार पहुंचे तो यहां भी रॉकलेंड बार जैसी ही स्थिति नजर आई। टेबल-कुर्सी जमी थी। पीने वाले आराम से हलक तर कर रहे थे। कर्मचारी उनकी सेवा में लगे थे। यहां काम करने वाले कर्मचारी से पूछा तो उसने कहा कि आप तो आराम से पीओ, कोई परेशानी नहीं आएगी।
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नाक के नीचे परोसी जा रही थी अवैध शराब पत्रिका संवाददाता शाम 7.55 बजे धानमंडी स्थित रेनबो बार पहुंचे। आबकारी विभाग के कार्यालय से घूंघट बार महज एक किमी दूर स्थित है और दफ्तर जाने के लिए अफसर इसी रास्ते से गुजरते हैं, लेकिन उनकी इस पर कभी नजर नहीं पड़ी। यहां पर बार संचालक बिना किसी डर के शराब परोस रहा था। पूरी महफिल सजी थी। फ्रिज में बीयर ठंडी होने के लिए रखी थी।
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लॉज में भी शराब का पूरा इंतजाम बार और होटल की तो छोड़िए कोटा के लॉज में भी शराब का पूरा इंतजाम रहता है। यकीन ना आए तो घोड़े वाला बाबा चौराहा स्थित सेवा लॉज जाकर देख लीजिए। पत्रिका संवाददाता जब यहां रात 8.20 बजे पहुंचा तो हॉल में बैठे लोगों को खुलेआम शराब परोसी जा रही थी। लोगों को मनचाही शराब और खाने-पीने की सारी सहूलियतें बिना लाइसेंस की दी जा रही थी। रावतभाटा रोड होने के कारण इस बार को स्टेट हाइवे पर मानते हुए इस बार पर शराब बिक्री बंद करवाई गई थी, लेकिन हैंगिंग ब्रिज शुरू होते ही यहां वापस शराब परोसी जाने लगी है।
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आबकारी विभाग को खबर ही नहीं कोटा के होटल, बार और लॉज तक में अवैध रूप से शराब बेची जा रही है। इसके बावजूद आबकारी विभाग कुंभकर्णी नींद सोए हुआ है। आला अफसरों को पता ही नहीं है कि शहर में खुलेआम अवैध तरीके से शराब बेची जा रही है। कोटा जोन के अतिरिक्त आबकारी आयुक्त गिर्राज वर्मा से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर हाई-वे स्थित यह सभी बार बंद करवाए थे। जब तक आबकारी विभाग उन्हें दोबारा खोलने की अनुमति नहीं देता, तब तक कोई संचालक नहीं खोल सकता। यदि किसी ने दोबारा बार खोल लिए तो संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।