किसान रेल सेवा: देश भर के बाजारों तक पहुंच रहे कृषि उत्पाद
किसान रेल अब तक 2.7 लाख टन माल पहुंचा चुकी है। अब तक 60 रेलमार्गों पर संचालित किया जा चुका है। किसान रेलसेवा फल, सब्जियां, मांस, पोल्ट्री, मत्स्य और डेयरी उत्पादों सहित खराब होने वाली वस्तुओं की आवाजाही को सक्षम बनाती है।
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कोटा. भारतीय रेलवे किसान रेल सेवा के माध्यम से अपने अखिल भारतीय नेटवर्क के साथ माल परिवहन को प्रोत्साहित करते हुए कृषि क्षेत्र में आय बढ़ाने जोर दे रहा है। किसान रेल ने किसानों को भारतीय बाजारों तक व्यापक पहुंच प्रदान की है। किसान रेल अब तक 2.7 लाख टन माल पहुंचा चुकी है। अब तक 60 रेलमार्गों पर संचालित किया जा चुका है। किसान रेल ट्रेन सेवाओं का शुभारंभ करने की योजना बनाने के लिए रेलवे, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, राज्य सरकारों के स्थानीय निकायों और एजेंसियों एवं मंडियों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ निरंतर प्रयास में जुटा है। किसान रेलसेवा उत्पादन अथवा अतिरिक्त उत्पादन वाले क्षेत्रों से उपभोग या कमी वाले क्षेत्रों में फल, सब्जियां, मांस, पोल्ट्री, मत्स्य और डेयरी उत्पादों सहित खराब होने वाली वस्तुओं की आवाजाही को सक्षम बनाती है। यह सेवा दूर, बड़े और अधिक आकर्षक बाजारों तक पहुंच बनाने के लिए किसानों को विशाल रेलवे नेटवर्क का उपयोग करने में सक्षम बनाती है। फलों और सब्जियों के परिवहन के लिए माल ढुलाई में 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। योजना के तहत इसे खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा वहन किया जा रहा है। कम उपज वाले छोटे किसानों को भी बिना किसी बिचौलिए की सहायता से अपने माल के परिवहन में मदद करने के लिए बहु सामाग्री, बहु प्रेषक, बहु प्रेषिती, बहु ठहराव, समयबद्ध-सारणी आधारित ट्रेनों की अवधारणा के आधार पर संचालित किया जा रहा है। बुक की जा सकने वाली मात्रा की कोई न्यूनतम सीमा नहीं, जिससे छोटे और सीमांत किसान भी बड़े और दूर के बाजारों तक पहुंच बनाई जा सके।
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