एसीबी दस्तावेजों की जांच में जुटी है। राजस्थान पत्रिका ने परमिट घोटाले का खुलासा किया था, जिसके बाद श्रीपुरा निवासी असलम खान ने आरटीओ के खिलाफ 27 अप्रेल को एसीबी में परिवाद दर्ज कराया था। मुख्यालय के निर्देश मिलने बाद एसीबी ने कार्रवाई की।
आरटीओ दफ्तर खुलने के कुछ ही देर बाद एसीबी टीम परमिट और पंजीकरण से जुड़ी शाखाओं में पहुंच गई। अचानक हुई कार्रवाई से पूरे दफ्तर में हड़कंप मच गया।
राजस्थान पत्रिका की खबरों पर असलम खान ने स्थाई लोक अदालत में भी परिवाद दर्ज कराया। अदालत ने रूट का भौतिक सत्यापन कराया। इसके बाद अदालत ने एक अगस्त को आरटीओ को आदेश जारी कर इस रूट पर तत्काल बसें संचालित कराने और न चलने वाली बसों के परमिट रद्द करने के आदेश जारी किए थे।
दफ्तर में मची भगदड़
एसीबी टीम ने जैसे ही आरटीओ कार्यालय में छापा मारा पूरे परिवहन विभाग में हड़कंप मच गया। जयपुर से लेकर दूसरे जिलों के परिवहन अधिकारियों के फोन घनघनाने लगे। वहीं कोटा कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों में भी भगदड़ मच गई। कोई कर्मचारी नीचे जाने लगा तो कोई इधर से उधर दौड़ता हुआ नजर आया। एजेंट लोग भी परिवहन विभाग से दूर ही नजर आए।
बसों को परमिट जारी करने और वाणिज्यिक वाहनों के पंजीकरण एवं फिटनेस में धांधली किए जाने से जुड़ा परिवाद आया था। जांच करने के लिए रिकॉर्ड देखा जा रहा है।
ठाकुर चन्द्रशील, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, कोटा एसीबी