नगर विकास न्यास की ओर से दी जाने वाली सभी सेवाओं की समयावधि निर्धारित है, लेकिन इसके बाद भी सभी लोगों के कार्य समय पर नहीं होते। गुरुवार को न्यास में पकड़े गए कनिष्ठ अभियंता ने जिस कार्य के लिए रिश्वत ली वह 15 दिन में पूरा करने की जिम्मेदारी न्यास की थी, लेकिन काम अटका कर घूस ले ली। एकड़ खिड़की पर आवेदन करने पर न्यास की ओर से कार्य पूरा करने की डेडलाइन दी जाती है, यदि आवेदक की कमी के कारण यदि कार्य होने लायक नहीं होता उसे 15 दिन में कारण सहित जवाब दिया जाने का प्रावधान है और सभी दस्तावेज पूर्ण होने पर तय अवधि में कार्य करना न्यास का दायित्व है।
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जेईएन ने करवाई एसीबी की बोनी, चंद पैसे के लिए बेचा ईमान हरिओम नगर निवासी राजेन्द्र राठौर एनओसी के लिए न्यास की एकल खिड़की पर 11 दिसम्बर 2017 को आवेदन किया तो 26 दिसम्बर को एनओसी जारी करने की तिथि अंकित कर रसीद दी गई। जब वह निर्धारित तिथि पर एकल खिड़की गया तो वहां पता चला कि अभी तक तो उसकी फाइल ही नहीं आई। जब उसने संबंधित जेईएन विमल कुमार माहेश्वरी से सम्पर्क किया तो उसने पहले 7 हजार की मांग की।
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JEn रिश्वत मामला: कमरे में लगा रिश्वतखोरी रोकने का पोस्टर, फिर भी नहीं पड़ा गरीब की मिन्नतों का असर अब तक कई प्लेटफार्म दिए पर, सब बेकारसरकार की ओर से भ्रष्टाचार, अनावश्यक देरी और आनकानी रवैए को रोकने लिए काम की लोकसेवाओं के प्रदान की गारंटी, सुनवाई का अधिकार कानून बनाया, एकड़ खिड़की और राजस्थान सुगम संपर्क पोर्टल शुरू किए, लेकिन इसके बाद भी लोगों को राहत नहीं मिली। कई लोग न्यास में चक्कर काटते नजर आते हैं। यहां विक्रय समिति के भटक रहे भगवती ने बताया कि उन्हें कोई यह बताने के लिए तैयार नहीं कि उनके आवेदन का क्या हुआ।
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नगर विकास न्यास सचिव ए.एल. वैष्णव का कहना है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने और पारदर्शिता के लिए जनता से जुड़े कुछ कार्य ऑनलाइन शुरू किए गए हैं, जो कार्य ऑनलाइन होंगे उनके लिए लोगों को न्यास में किसी कार्मिक से मिलना नहीं पडेग़ा। वे घर से या ई मित्र के माध्यम से सेवाओं के आवेदन कर सकेंगे।