कोटा

एसीबी ने चढ़ाया रिश्वतखोर निजी सहायक पर शिकंजा, उपायुक्त को भी लिया संदेह के घेरे में

कोटा. एसीबी की टीम ने बुधवार शाम को वाणिज्य कर उपायुक्त (अपील्स) के निजी सहायक (स्टेनोग्राफर) को रिश्वत राशि लेते गिरफ्तार किया।

कोटाNov 22, 2017 / 09:12 pm

abhishek jain

 
कोटा।

एसीबी की टीम ने बुधवार शाम को वाणिज्य कर उपायुक्त(अपील्स) के निजी सहायक(स्टेनोग्राफर) को 11 हजार रुपए रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। उसने यह राशि फर्म के मालिक से मिसमेच की पेनल्टी माफ करने की एवज में ली थी। एसीबी की टीम इस मामले में उपायुक्त की भूमिका की भी जांच कर रही है।
 

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एसीबी के निरीक्षक विवेक सोनी ने बताया कि तालेड़ा स्थित महेन्द्र ट्रेडर्स के मालिक सुमित जैन ने दो महीने पहले एसीबी में शिकायत दी थी। जिसमें कहा था कि वाणिज्य कर विभाग बूंदी के अधिकारी ने 3 साल पहले उनकी फर्म की मिसगेच की पेनल्टी व ब्याज करीब 5 लाख रुपए बनाया था जिसके संबंध में दस्तावेज पेश करने के बावजूद भी वे नहीं माने तो उन्होंने इसकी अपील उपायुक्त(अपील्स) के यहां की थी। जिसकी सुनवाई चल रही थी।
उस राशि में से 3.50 लाख रुपए पेनल्टी माफ करने की एवज में उपायुक्त के निजी सहायक जितेन्द्र परचवानी ने 25 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। बाद में 15 हजार रुपए में मामला तय हुआ था। जिसमें से 4 हजार रुपए जितेन्द्र ने सत्यापन के दौरान 31 अक्टूबर को अजमेर में ही परिवादी से ले लिए थे। शेष 11 हजार रुपए कोटा में आने पर लेने की बात कही थी।
 

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बुधवार को कोटा आने पर जितेन्द्र ने सुुमित को फोन कर रकम लेकर छत्रपुरा स्थित अपने कार्यालय में बुलाया था। इसकी जानकारी एसीबी को मिलने पर टीम ने ट्रेस की कार्यवाही की। परिवादी ने जैसे ही 11 हजार रुपए दिए। वैसे ही इशारा मिलने पर टीम ने आरोपित अजमेर के वैशाली नगर निवासी जितेन्द्र(43) को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। रिश्वत की राशि 2 हजार के 5 और 500 रुपए के 2 नोट उसकी पेंट की जेब से बरामद की गई।
 

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उपायुक्त भी संदेह के घेरे में

सोनी ने बताया कि जितेन्दर रिश्वत राशि लेकर उपायुक्त शिव दयाल मीणा के पास उनके कक्ष में आया था। इस कारण से वे भी संदेह के घेरे में हैं। एसीबी की टीम इस मामले में उनसे भी पूछताछ करेगी। मीणा अलवर के टेटड़ा निवासी है।

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