स्थायी समाधान किए जाए वकील लोकेश कुमार सैनी ने जेके लोन अस्पताल अधीक्षक व जिला कलक्टर के खिलाफ स्थायी लोक अदालत में याचिका पेश की। जिसमें कहा कि अस्पताल में साढ़े आठ माह में 720 बच्चों की मौत हो गई। इसमें नवजातों की संख्या ज्यादा है। यहां न तो मरीजों की संख्या के अनुपात में डॉक्टर हैं और न ही पर्याप्त सुविधाएं। अधीक्षक की अनदेखी के चलते इतने अधिक बच्चों की मौत होना चिंताजनक है। याचिका में कहा कि अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि अस्पताल में बच्चों की मौत नहीं हो, इसकी रोकथाम के स्थायी समाधान किए जाए। यहां पर्याप्त संसाधन व उपकरणों की पुख्ता व्यवस्था की जाए। एडवोकेट सैनी ने बताया कि अदालत ने याचिका को दर्ज कर दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी कर 17 जनवरी को जवाब तलब किया है।
इधर, अस्पताल प्रशासन ने गठित की जांच कमेटी कोटा. जेके लोन अस्पताल में 8 माह 13 दिन में 720 बच्चों की मौत के मामले में जेके लोन अधीक्षक डॉ. आरके गुलाटी ने तीन डॉक्टर्स की कमेटी का गठन किया है जो 7 दिन में अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। डॉ. गुलाटी ने बताया कि न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अमृता मयंकर, डॉ. पंकज सिंघल व मेडिकल जूरिस्ट डॉ. दीपक शर्मा इस मामले की जांच करेंगे। डॉ. गुलाटी ने कहा कि प्रारम्भिक जांच में सामने आया कि 63 प्रतिशत बच्चे 24 घंटे में मरने वाले हैं जिसमें से अधिकांश बाहर से रेफर होकर यहां आए थे। वहीं 27 प्रतिशत की मौत कम वजन व अन्य कारणों से हुई है। गौरतलब है कि जेके लोन में बच्चों की मौतों को लेकर एक जने ने सूचना के अधिकार के तहत बच्चों की मौतों के कारणों की जानकारी मांगी थी। अस्पताल प्रशासन ने जनवरी से 13 सितंबर 2017 तक 720 बच्चों की मौत होना बताया था।