राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय ने देश में पहली बार सम्बद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों की ग्रेडिंग जारी की है। इसमें प्रदेश का एक भी सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज 600 से ज्यादा अंक नहीं ला सका। इसलिए एक भी सरकारी कॉलेज को ‘ए’ ग्रेडिंग नहीं मिली, वहीं ‘बी’ ग्रेडिंग केवल 2 इंजीनियरिंग कॉलेजों को मिली। आरटीयू ने 8 सरकारी कॉलेजों के साथ 116 इंजीनियरिंग कॉलेजों की ग्रेडिंग की है। इसमें ए ग्रेड में 9 निजी कॉलेज, बी ग्रेड में 24 (निजी-सरकारी) और सी ग्रेड में 83 कॉलेज (निजी-सरकारी) शामिल हैं। यह ग्रेडिंग 2016-17 सत्र के आधार पर जारी की है। इसमें कुछ कॉलेज ऐसे हैं, जिनमें इस सत्र में प्रवेश नहीं हुए। इंजीनियरिंग कोर्सेज की ग्रेडिंग पूरी कर करने के बाद आरटीयू ने अब एमबीए और एमसीए कोर्सेज की ग्रेडिंग प्रक्रिया शुरू की है।
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कोटा में जगमगाएंगे 25 लाख मिट्टी के दीपकसिर्फ इन कॉलेजों को मिली ‘ए’ ग्रेड ग्रेडिंग में शामिल कॉलेजों में जयपुर के 8 व जोधपुर का एक कॉलेज को ही ए ग्रेड मिल सकी है। इनमें जयपुर के कॉलेजों में स्वामी केशवानंद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मैनजमेंट को 819, पूर्णिमा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग 741, ग्लोबल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी 663, आर्या कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड इफोर्मेशन टेक्नोलॉजी 634, पूर्णिमा इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी 624, कौटिल्य इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग एंड स्कूल ऑफ मैनेजमेंट 619, जयपुर इंजीनियरिंग कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर जयपुर 616, आर्य इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी610 क्यूआईवी मिले हैं। वहीं जोधपुर इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी 701 क्यूआईवी के साथ राज्य में तीसरे स्थान पर रहा।
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72 फीसदी कॉलेज सी ग्रेड में इंजीनियरिंग के प्रति विद्यार्थियों का रुझान कम होने से बीटेक में प्रदेश की करीब 70 फीसदी सीटें खाली हैं। अधिकांश कॉलेज बंद होने की कगार पर हैं। यही हाल ग्रेडिंग सिस्टम में भी सामने आया है। ग्रेडिंग में 72 फीसदी कॉलेज सी ग्रेड में हैं। इन कॉलेजों को 399 से कम क्यूआईवी मिले हैं। आरटीयू ने विभिन्न मापदण्डों के आधार पर एक हजार क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू (क्यूआईवी) का पैमाना तय किया था। इसमें 481क्यूआईवी के साथ सरकारी कॉलेजों में 17 वें स्थान पर एमएलवी भीलवाड़ा रहा है। वहीं 29वें स्थान पर बीकानेर का कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी रहा। उसे 415 अंक मिले।
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ऐसे हुई ग्रेडिंग नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिएशन, प्लेसमेंट, स्टूडेंट व फैकल्टी रेशियो, कम्प्यूटर व इंटरनेट फैसिलिटी, पासआउट स्टूडेंट का प्रतिशत, प्रथम श्रेणी में पास होने वाले, नेशनल सेमिनार, वर्कशॉप, कॉन्फ्रेंस व पेपर प्रजेंटेशन सहित अन्य मापदण्ड हैं।
ग्रेडिंग में सरकारी कॉलेज फैकल्टी और संसाधनों की कमी के कारण पिछड़े। इन कॉलेजों में गेस्ट फैकल्टी की संख्या ज्यादा है। अधिकांश सरकारी कॉलेजों में एनबीए से एक्रीडिएशन भी नहीं है।