न्यायालय के विशिष्ट लोक अभियोजक ललित कुमार शर्मा ने बताया कि फरियादी ने 23 अप्रेल 19 को ग्रामीण थाने में रिपोर्ट दी थी कि 22 अप्रेल को वह पत्नी के साथ खेत पर ले गया था। घर पर बच्चे अकेले थे। दोपहर में गांव का बाबूलाल मेघवाल व बृजमोहन भील शराब पीकर आए और घर के बाहर 14 वर्षीय बेटी को बहला फुसलाकर जंगल में ले गए और उससे बलात्कार किया।
पड़ोस की महिलाएं जंगल की तरफ गई तो आरोपी पीडि़ता को छोड़कर भाग गए। पुलिस ने अनुसंधान के बाद आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया था। सुनवाई के बाद न्यायालय ने दोनों आरोपियों को सजा सुनाई।