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व्यवस्थाएं सुधारने का किया दावा सेमिनार में मौजूद रेलवे के प्रधान मुख्य इंजीनियर एमबी विजय ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने का दावा किया। उन्होंने कहा कि स्मॉल ट्रेक मशीनों का पूरी तरह इस्तेमाल करने की जिम्मेदारी सुपरवाइजर को दी है। इसके अलावा ट्रेक मेन्टेनरों को पदोन्नति के अवसर बढ़ाने के लिए केडर को मर्ज किया गया है। मंडल प्रशिक्षण केन्द्र इंजीनियरिंग कोटा का स्थान सम्पूर्ण भारतीय रेल में दूसरे स्थान पर है। इसमें प्रशिक्षण के लिए प्रोजेक्ट, मॉडल, कम्प्यूटर और खेलने के साधन भी उपलब्ध कराए गए हैं। ट्रेक मेंटेनरों और ट्रेक की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। आपात स्थिति में ट्रेकमैन को बैनर लगाकर गाड़ी रोकने का अधिकार दिया गया है। यह भी पढ़ें
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सिग्नल को पार करने से बढ़ी घटनाएं वहीं रेलवे के मुख्य संरक्षा अधिकारी राजेश अर्गल ने कहा कि सिग्नल खतरों को पार करने की घटनाएं बढ़ी हैं। जिस पर नियंत्रण करना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता एनएफआईआर के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. आर.पी. भटनागर ने की। संरक्षा सेमिनार में ट्रेक संरक्षा से संबंधित 16 प्रस्तावों पर चर्चा की गई, जिन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया। मंडल अध्यक्ष जी.पी. यादव, मंडल सचिव एस.डी. धाकड़, संयुक्त महामंत्री अब्दुल खलिक सहित कई पदाधिकारियों ने भी सुझाव रखे। यह भी पढ़ें