कोटा

कोटा के शाही दशहरे मेले की 10 कहानियांः यहां पैरों तले रौंदा जाता है लंकेश का अहम

हर जगह की अपनी संस्कृति, कला, परम्पराएं होती है। कोटा के राष्ट्रीय दशहरे मेले से भी कई परम्पराएं जुड़ी है। इन परम्पराओं में से एक है मिट्टी के रावण।

Sep 30, 2017 / 05:26 pm

ritu shrivastav

1/6
शनिवार को भी विजया दशमी पर समाज के लोगों ने मिट्टी का रावण बनाकर इसका वध किया।
2/6
इसके लिए वे किशोरपुरा व नांता क्षेत्र में स्थित समाज के अखाड़ों पर एकत्रित हुए। फिर रावण से युद्ध कर उसका वध किया।
3/6
जैसे ही दन राम भक्तों ने रावण को मारा अखाड़े जयकारों से गूंज उठे। लोगों ने एक दूसरे को दशहरे की शुभकामनाएं दी व मुंह मीठा कराया।
4/6
नवरात्र के प्रारंभ में अखाड़े की मिट्टी का रावण बनाया जाता है। इसके मुख पर ज्वारे उगाए जाते है। पूरे नवरात्र हर शाम यहां समाज के लोग डांडिया करते हैं और देवी की आराधना करते हैं।
5/6
दशहरे के दिन सुबह अखाड़े के पहलवान मिट्टी के रावण को रौंदते हैं।यह परम्परा रियासतकालीन चली आ रही है। रावण को मारने की इस विशेष परम्परा को आज भी निभाया जा रहा है।
6/6
शहर में नांता व किशोरपुरा क्षेत्र में जेठी समाज के अखाड़े हैं और समाज के लोग रहते हैं।

Hindi News / Photo Gallery / Kota / कोटा के शाही दशहरे मेले की 10 कहानियांः यहां पैरों तले रौंदा जाता है लंकेश का अहम

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.