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जीएसटी काउंसिल ने तय की नई दरें कोटा स्टोन पर छाया जीएसटी का भ्रम आखिरकार दिवाली से पहले खत्म हो ही गया। दीपावली के ठीक पहले स्पष्ट हो गया कि लाइम स्टोन की खदानों से निकलने वाला रफ पत्थर 5 प्रतिशत में व पॉलिश पत्थर 18 प्रतिशत की कर श्रेणी में रहेगा। पॉलिश पत्थर पहले 28 प्रतिशत कर श्रेणी में था, जिसे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 6 अक्टूबर को जीएसटी काउन्सलिंग की बैठक में कम करने की घोषणा की थी, लेकिन आदेश नहीं आने से व्यापारियों में भ्रम की स्थिति थी।
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GST और कम करने की मांग जीएसटी अतिरिक्त उपायुक्त नरेश बुदेल का कहना है कि अब रफ पत्थर पांच प्रतिशत व पॉलिश पत्थर 18 प्रतिशत की कर श्रेणी में रहेगा। इधर रफ व पॉलिश पत्थर की दर में भिन्नता करना व्यापारियों को रास नहींं आया है। व्यापारियों को परेशानी इस बात को लेकर थी कि केन्द्र सरकार ने कोटा स्टोन को पहले 28 प्रतिशत कर श्रेणी में रखा था। दर स्पष्ट नहीं होने से वे पांच प्रतिशत में बिल बनाकर राशि वसूल रहे थे। व्यापारी से बिल की राशि का भुगतान वह प्राप्त कर चुके हैं तो 23 प्रतिशत कर कैसे चुकाएंगे।
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करेंगे कम कराने के प्रयास कोटा स्टोन स्माल स्केल इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष जगदीश सिंह शक्तावत, सचिव अखलेश मेड़तवाल ने बताया कि सांसद ओम बिरला, विधायक चन्द्रकांता मेघवाल को साथ लेकर कोटा स्टोन का टैक्स कम कराने का प्रयास करेंगे। वहीं सांसद ओम बिरला ने भी कहा है कि कोटा स्टोन को पांच प्रतिशत की कर श्रेणी में रखने का प्रयास होगा।
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यह रहेगा GST का आधार सचिव अखलेश मेड़तवाल ने बताया कि 26 दिसम्बर 1990 को सेन्ट्रल बोर्ड आफ एक्साइज एण्ड कस्टम ने कोटा स्टोन रफ व पॉलिश को पांच प्रतिशत की कर श्रेणी में माना था। जीएसटी में रफ व पॉलिश पत्थर में भिन्नता कर दी गई है जबकि नियमानुसार इस पत्थर को एक कर श्रेणी में रखा जाना चाहिए था।
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पहले और अब कोटा स्टोन वेट में दो प्रतिशत कर श्रेणी में था। खदान पर दो प्रतिशत कर चुकाकर रफ पत्थर लाकर उसे चिराई व टेबल पॉलिश कर दिसावर में बेचा जाता तो दो प्रतिशत कर इसे चुकाना पड़ता था। कई प्रांतों में एन्ट्री फीस अलग अलग दर से वहां की सरकार इस पर टैक्स वसूलती थी। अब कोटा स्टोन व्यापारी दिसावर में माल भेजता है तो उसे 18 प्रतिशत कर चुकाना पड़ेगा।