महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी के नेतृत्व में जागरुक महतारी, स्वस्थ लइका कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। महीने में दो बार द्वितीय व चतुर्थ शुक्रवार को कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने पर 500-500 रुपए की दवाइयां दी जाएंगी। अस्पताल में स्वास्थ्य परीक्षण करते समय सेक्टर सुपरवाइजर, मेडिकल ऑफिसर तैनात रहेंगे और परिजनों को पोषण स्तर के आधार पर सुपोषण कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा।
इसमें कुपोषित बच्चे के पोषण व स्वास्थ्य की जानकारी दर्ज होगी। विशेष मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना में नियमित जांच, फॉलोअप, दवाइयां, चिकित्सकीय सेवाओं को ध्यान में रखकर सेक्टर सुपरवाइजर, डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई गई है। वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों में अलग से सुपोषण पंजी का डाटा रखा जाएगा और नियमित मॉनीटरिंग की जाएगी।
मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना में यह खामियां
महिला एवं बाल विकास के अनुसार मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना में सिर्फ गंभीर कुपोषित बच्चों को ही लाभ देने का प्रावधान है। लेकिन माता-पिता में जागरुकता की कमी के कारण कुपोषित बच्चे पोषण पुनर्वास केंद्र तक नहीं पहुंच पाते हैं। योजना में एक बाद स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाइयां दी जाती है, लेकिन फॉलोअप नहीं किया जाता है।
जबकि मध्यम कुपोषित बच्चों के लिए योजना में कोई प्रावधान हीं किया गया है। मामले में जागरुक महतारी स्वस्थ लइका कार्यक्रम में गंभीर-मध्यम कुपोषित बच्चे का बेहतर उपचार करने का अभिनव प्रयास है।
सुपोषण टोकरी, स्वच्छता किट का वितरण होगा
जानकारी के अनुसार चार महीने के विशेष अभियान में कुपोषित बच्चों के माता-पिता की विशेष भागीदारी होगी। बेस लाइन सर्वे एवं परामर्श के बाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान प्रश्नोत्तरी, बच्चों के माप, टीकाकरण, स्वच्छता का स्तर, वजन, कद के आधार पर विजेता घोषित किया जाएगा। जिसमें माता-पिता के खाते में प्रोत्साहन राशि 500 रुपए जमा कराई जाएगी और सुपोषण टोकरी, स्वच्छता किट उपलब्ध कराया जाएगा।
सुपोषण टोकरी, स्वच्छता किट का वितरण होगा
जानकारी के अनुसार चार महीने के विशेष अभियान में कुपोषित बच्चों के माता-पिता की विशेष भागीदारी होगी। बेस लाइन सर्वे एवं परामर्श के बाद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान प्रश्नोत्तरी, बच्चों के माप, टीकाकरण, स्वच्छता का स्तर, वजन, कद के आधार पर विजेता घोषित किया जाएगा। जिसमें माता-पिता के खाते में प्रोत्साहन राशि 500 रुपए जमा कराई जाएगी और सुपोषण टोकरी, स्वच्छता किट उपलब्ध कराया जाएगा।
कुपोषित बच्चों के आंकड़े
परियोजना मध्यम-गंभीर कुपोषित
बैकुंठपुर 4122
मनेंद्रगढ़ 3413
खडग़वां 3491
सोनहत 1520
भरतपुर 2828
चिरिमिरी 785
कुल 16156
6 एनआरसी-सुपोषण केंद्र, सिर्फ 47 सीट
जानकारी के अनुसार मनेंद्रगढ़ पोषण पुनर्वास केंद्र-6, जिला अस्पताल-10, खडग़वां-10,जनकपुर-6 और सुपोषण केंद्र सोनहत-10, कोटोडाल-5 सीट हैं। जिसमें कुपोषित बच्चों को भर्ती कर उपचार कराने का प्रावधान हैं। छह केंद्र में सिर्फ 47 सीट होने के कारण गंभीर कुपोषित बच्चों को सही उपचार नहीं मिल पा रहा है। जबकि कोरिया में 3623 गंभीर रूप से कुपोषित बच्चे चिह्नित किए गए हैं।
कोरिया में कुपोषण गंभीर समस्या
कोरिया में कुपोषण एक गंभीर समस्या है। कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने जागरूक महतारी स्वस्थ लइका कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। जिसमें चार महीने तक 33 अस्पताल में हर महीने दो बार द्वितीय और चतुर्थ शुक्रवार को स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। जिसमें कुपोषित बच्चों को दूध, केला, अण्डा पौष्टिक आहार के रूप में वितरण किया जाएगा। जो कि निश्चित रूप से कुपोषण से लडऩे में कारगार साबित होगी।
सीएस सिसोदिया, डीपीओ महिला एवं बाल विकास कोरिया