गौरतलब है कि शाम करीब 7 बजे कोयला लोड ट्रेलर धनुहर नाला पुलिया पर स्थित घाट नहीं चढ़ पाया और अचानक बैक होकर पीछे वाले ट्रक से भिड़ गया। इससे पुलिया के ऊपर ही ट्रेलर और ट्रक पलट (Truck-trailer accident) गए। दुर्घटना से खडग़वां जाने वाले मार्ग पर संकरी पुलिया में ट्रक फंसने के कारण लोग हलाकान रहे।
दोनों ओर बड़ी गाडिय़ों की लाइन लगी रही। स्थानीय प्रशासन, पुलिस ने भारी के बाद अगले दिन दोपहर करीब 1 तक रास्ता क्लीयर कराया। दुर्घटनाग्रस्त ट्रक कोयला लोडकर चिरमिरी की ओर से बैकुंठपुर तरफ आ रहे थे।
Truck-trailer accident: संकरी पुलिया पर हो चुके कई हादसे
गौरतलब है कि धनुहर नाले में छोटी संकरी रपटा पुलिया है। इसमें आए दिन ट्रक सहित अन्य गाडिय़ां पलटती रहती हैं। बड़ी-छोटी दुर्घटना (Truck-trailer accident) की आशंका हमेशा बनी रहती हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि पिछले 20 वर्षो में कई बार उच्च स्तरीय पुल निर्माण कराने की मांग कर चुके हैं। परंतु दुर्भाग्यवश धनुहार नाले में पुल निर्माण नहीं हो पा रहा है। इस मार्ग से हमेशा बड़े वाहनों का आवागमन होता है और प्रतिदिन बड़ी सडक़ दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है।
यह भी पढ़ें
Diesel loot: 2 दर्जन बदमाशों ने कट्टे की नोंक पर 7 ट्रकों से लूटे 580 लीटर डीजल, अमेरा कोल खदान में वारदात
नाला पर पुल बनाने 8.50 करोड़ की मिली थी स्वीकृति
राज्य सरकार के पिछले पंचवर्षीय कार्यकाल के बजट प्रस्ताव में वर्ष 2021 में करीब 8.50 करोड़ की स्वीकृति मिली थी। ग्रामीणों का कहना है कि धनुहर नाले में पुल निर्माण की आवश्यकता है। किसी दिन कोई बस या स्कूल बस की दुर्घटना होने पर बहुत बड़ी जनहानि (Truck-trailer accident) से इनकार नहीं किया जा सकता है। सरकार को इस ओर ध्यान देकर पुल निर्माण कराना चाहिए। यह भी पढ़ें
Car accident: सडक़ हादसे में CMHO के भाई की मौत, एनएच पर अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई कार
धनुहर-झुमका नाला का कई बार हो चुका है सर्वे
लोक निर्माण सेतु निगम के माध्यम से धनुहर और झुमका नाला (Truck-trailer accident) में पुल निर्माण कराने कई बार सर्वे कराया गया है। लेकिन राज्य सरकार से प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिलने के कारण निर्माण नहीं कराया जा सका है। जबकि वर्ष 2021 में झुमका और धनुहर नाला में उच्च स्तरीय पुल निर्माण कराने 15.8 करोड़ बजट में प्रावधान किया गया था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद पुल निर्माण कराने को लेकर ध्यान नहीं दिया गया। रपटा पुलिया होने के कारण अधिक बारिश में भी डूब जाती है और राहगीरों को कई घंटे तक इंतजार करना पड़ता है।