गौरतलब है कि मादा बाघ सप्ताह भर से नगर निगम चिरमिरी क्षेत्र में विचरण (Tiger rescue) कर रही थी। रेलवे ट्रैक के आस-पास उसे अक्सर देखा जा रहा था। ऐसे में उसके ट्रेन से कटने की आशंका जताई जा रही थी। इसे लेकर वन विभाग द्वारा रेलवे प्रबंधन को भी पत्र लिखा गया था।
सोमवार को सरगुजा से वन संरक्षक वन्यप्राणी केआर बढ़ई की अगुवाई में बाघिन को रेस्क्यू करने कानन पेंडारी से डॉ पीके चंदन, तमोर पिंगला एलीफेंट रेसक्यू सेंटर से डॉ अजीत पांडेय व जंगल सफारी रायपुर से डॉ वर्मा पहुंचे थे। उनकी निगरानी में सोमवार की शाम करीब 4 बजे बाधिन को रेस्क्यू (Tiger movement) कर सुरक्षित ले जाया गया।
मादा बाघ को नगर निगम चिरमिरी के हल्दीबाड़ी बघनच्चा दफाई के पास जंगल में ट्रैकुलाइज किया गया। फिर उसे ग्रीन नेट से ढंककर पिंजरे में डाला गया। इसके बाद वन विभाग के ट्रक में लोड कर ले जाया गया।
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