हम आपको बता दें कि कोरिया डीएफओ ने 9 नवंबर को बाघ के शव का पीएम कराने के बाद विसरा की जांच कराने बरेली भेजा था। बरेली के सेंटर फॉर वाइल्ड लाइफ ने रिपोर्ट (Tiger PM report) में उल्लेख किया है कि भारी धातुओं और आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले कीटनाशकों की उपस्थिति के लिए फेफड़े, यकृत, गुर्दे, हृदय, प्लीहा, पेट और आंतों के नमूनों का विश्लेषण किया गया।
जिसमें विषाक्त पदार्थों की उपस्थिति नहीं पाया गया है। अब तक इस मामले में पीसीसीएफ ने जहां रेंजर को जबकि सीसीएफ सरगुजा ने डिप्टी रेंजर व बीटगार्ड को सस्पेंड किया है।
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Tiger PM report: 8 नवंबर को मिला था शव
कोरिया वनमंडल के जंगल में 8 नवंबर को दोपहर करीब 1 बजे ग्रामीणों के माध्यम से वन रक्षक गरनई को बाघ का मृत शव पड़े होने की जानकारी मिली थी। यह एरिया ग्राम कटवार के पास खनखोपड़ नाला के किनारे स्थित है। जो कोरिया वनमंडल के बीट गरनई सर्किल रामगढ़ परिक्षेत्र सोनहत के असीमांकित वनक्षेत्र (ऑरेंज एरिया) कक्ष क्रमांक पी-196 है। मामले में घटना स्थल पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) रायपुर की मौजूदगी में चार वेटनरी ऑफिसर की टीम ने शव का पीएम कराने के बाद विसरा प्रिजर्व 9Tiger PM report) किया गया था।
मृत टाइगर के जरूरी अंगों (विसरा) को प्रिजर्व कर जांच कराने आईवीआरआई (इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली यूपी) भेजा गया था। मामले में विसरा की पहली रिपोर्ट मिल चुकी है। वहीं बरेली से दूसरी रिपोर्ट भी आएगी, जिसमें बाघ की मौत के कारणों का खुलासा होगा।