बाघ की मौत मामले में गोमार्डा डॉग स्क्वायड, गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और कोरिया वनमंडल की 4 टीम पांच दिन से अलग-अलग रामगढ़ क्षेत्र के जंगल में जांच कर रही है। टीम भी टाइगर के पगमार्क के आधार पर मूवमेंट का पता लगा रही है।
वन मुख्यालय रायपुर के आला अधिकारियों की भी नजर है। हालांकि, टाइगर के शव का शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में जहरखुरानी से टाइगर की मौत की आशंका जताई गई है। लेकिन फाइनल पीएम रिपोर्ट नहीं आई है।
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Tiger death case: 8 नवंबर को मिला था शव
गौरतलब है कि कोरिया वनमंडल के जंगल में 8 नवंबर को दोपहर करीब 1 बजे ग्रामीणों के माध्यम से वन रक्षक गरनई को बाघ का मृत शव पड़े होने की जानकारी मिली थी। यह एरिया ग्राम कटवार के पास खनखोपड़ नाला के किनारे स्थित है। यह कोरिया वनमंडल के बीट गरनई सर्किल रामगढ़ परिक्षेत्र सोनहत के असीमांकित वनक्षेत्र (ऑरेंज एरिया) में आता है, जिसका कक्ष क्रमांक पी-196 है।
बाघ की मौत के बाद पगमार्किंग सीखाने पहुंचीं डीएफओ
कोरिया वनमंडल की डीएफओ प्रभाकर खलको बाघ की मौत (Tiger death case) के बाद रोजाना सोनहत ब्लॉक के जंगल में पहुंच रही हैं। इस दौरान प्लास्टर ऑफ पेरिस से वनपरिक्षेत्राधिकारियों को बाघ मूवमेंट के बाद सैंपल कलेक्शन जैसे पगमार्किंग, इंच टेप से नाप-जोख करना सीखा रही हैं। ऐसी चर्चा है कि इससे पहले सोनहत एरिया के जंगल में बहुत कम दौरा करती थीं। वहीं प्रशिक्षित होने वाले वन अधिकारी व स्टाफ भी बुजुर्ग हैं, जो बहुत जल्द रिटायर होने वाले हैं।