जानकारी के अनुसार एसईसीएल कर्मी गोराचंद्र ने थाने में शिकायत की थी कि दो वर्ष पूर्व वह अपने पैतृक गांव गोबरा जिला जांजगीर में घर बनवा रहा था। तब उसने शिवपुर चरचा नपा के महाराणा प्रताप वार्ड २ के पार्षद प्रदीप राजवाड़े से दो लाख रुपए १० प्रतिशत मासिक दर से ब्याज पर लिए थे। दोनों के बीच एक साल में पैसा वापस करने की बात-चीत हुई थी। पार्षद ने पैसा देते समय कॉलरीकर्मी से एक सादा स्टाम्प पेपर में दस्तखत कराकर रख लिया था। साथ ही उसके ग्रामीण बैंक के खाते के ब्लैंक चेक में हस्ताक्षर कराकर रख लिया था। करीब पन्द्रह दिन बाद वह कॉलरीकर्मी से पांच लाख की मांग करने लगा। तब वह उसे बोला कि हर माह ब्याज का पैसा तथा मूलधन चुकता कर दूंगा। लेकिन प्रदीप उसके घर आकर आए दिन धमकी दे रहा है।
ड्यूटी आते-जाते जहां भी मिलता है तो धमकी देता है। वह कहता है कि मेरा पैसा ब्याज सहित दस लाख वापस कर दो नहीं तो तुम्हारे दोनों लडक़ों को झूठे केस में फंसा कर उनका कॅरियर बरबाद कर दूंगा। इस बीच घटना तिथि 4 सितंबर को ग्रामीण बैंक के चेक से एक लाख दस हजार रुपए प्रदीप ने आहरण कर लिए। वहीं 5 सितंबर को बेटे राजू सिदार के मोबाइल पर प्रदीप ने फोन कर मुझे तथा मेरे बेटे का कॅरियर बर्बाद करने की धमकी दी। इसी दिन दोपहर में मेरे बेटे राजू सिदार के मोबाइल पर एक व्यक्ति का फोन आया जिसने खुद को टीआई बताते हुए धमकी दी। उसने बोला तुम्हारे पिता प्रदीप राजवाड़े का दस लाख रुपए वापस नही कर रहे हैं।