कोरोना पॉजिटिव (Corona positive) का पता लगाने एंटीजन, ट्रूनॉट सहित आरटी-पीसीआर जांच होती है। एंटीजन से रिपोर्ट निगेटिव आने और लक्षण पाए जाने पर आरटी-पीसीआर जांच से संक्रमण की पुष्टि होती है। कोरिया जिले में जांच सुविधाएं नहीं होने के कारण अंबिकापुर वायरोलॉजी लैब (Virology Lab Ambikapur) में सैंपल भेजा जाता है। कोरिया से भेजे गए करीब 2 हजार सैंपल की रिपोर्ट एक सप्ताह से पेंडिंग होने के कारण सैंपलिंग बंद कर दी गई है।
मेडिकल एक्सपर्ट के अनुसार आरटी-पीसीआर (यानी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमर्स चेन रिएक्शन) टेस्ट से व्यक्ति के शरीर में वायरस का पता लगाया जाता है। जिसमें वायरस के आरएनए की जांच की जाती है। नाक और गले से म्यूकोजा के अंदर वाली परत से स्वैब लिया जाता है। टेस्ट की रिपोर्ट आने में सामान्यत: 6 से 8 घंटे का समय लग सकता है।
आरटीपीसीआर टेस्ट शरीर में वायरस (Corona virus) की मौजूदगी का पता लगाने में सक्षम है। फिलहाल आरटीपीसीआर के कुछ सैंपल जिला अस्पताल के लैब में किनारे पड़े हैं। सैंपल को अधिक समय तक रखने के कारण सही रिपोर्ट सही रिपोर्ट की पुष्टि मुश्किल हो सकती है। वहीं आरपीटीसीआर सैंपल बंद होने करने के बाद ट्रूनाट सैंपलिंग पर अधिक फोकस कर रहे हैं।
कोरिया से एक बार में 200 सैंपल भेजा जाता है अंबिकापुर
जानकारी के अनुसार कोरिया से एक बार में 200 आरटी-पीसीआर सैंपल लेकर जांच कराने वायरोलॉजी लैब अंबिकापुर भेजा जाता है। जिससे जिले की जांच रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता हैं। वहीं दूसरी ओर 2 हजार सैंपल की रिपोर्ट पेंडिंग होने के कारण सैंपलिंग बंद है।
फिलहाल बैकुंठपुर में करीब ढाई करोड़ की लागत से वायरोलॉजी लैब बनकर तैयार है। स्वास्थ्य विभाग वायरोलॉजी लैब में जल्द ही आरटी-पीसीआर जांच के लिए सेटअप तैयार कराने में जुटा हुआ है। कोरिया से अब तक 28 हजार 908 सैंपल की जांच में 1 हजार 731 पॉजिटिव रिपोर्ट आई है।
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तैयार हो गया है वायरोलॉजी लैब
बहुत सैंपल जाने की वजह से रिपोर्ट में देरी हो रही है। हमारा वायरोलॉजी लैब तैयार हो गया है। कुछ टैक्निकल परेशानियां दूर होते ही आरटी-पीसीआर जांच शुरु होगी और रिपोर्ट भी जल्द मिलेगी।
डॉ. रामेश्वर शर्मा, सीएमएचओ कोरिया
बहुत सैंपल जाने की वजह से रिपोर्ट में देरी हो रही है। हमारा वायरोलॉजी लैब तैयार हो गया है। कुछ टैक्निकल परेशानियां दूर होते ही आरटी-पीसीआर जांच शुरु होगी और रिपोर्ट भी जल्द मिलेगी।
डॉ. रामेश्वर शर्मा, सीएमएचओ कोरिया